भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. सभा में दूसरे दलों से टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी, शरद पवार, अभिषेक मनु सिंघवी और सतीश मिश्रा व अन्य मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अरुण जेटली वनलाइनर के लिए जाने जाते थे. वे अपनी बातें वनलाइनर के जरिए कह देते थे, जिसका बड़ा प्रभाव होता था. आज अपने से कम उम्र के दोस्त को श्रद्धांजलि देना पड़ रहा है. उनका हमें छोड़कर जाना बहुत बड़ी क्षति है. जेटली की कमी मुझे हमेशा खलेगी.
मोदी ने कहा कि अरुण जेटली पार्टी व्यवस्था के बाहर नहीं रहे. अक्सर हमें कार्यक्रम में बाहर रहना पड़ता था. वो चाहते तो पार्टी कार्यालय के बाहर भी रह सकते थे, लेकिन वो कभी ऐसा नहीं करते थे. हम जब भी साथ बाहर होते थे तो एक कमरे में ही रहते थे.
मोदी ने कहा कि अरुण जेटली सही शब्दों का सही वक्त पर इस्तेमाल करते थे. ये सब सीख कर हम बहुत कुछ कर सकते हैं. देशहित में उन्होंने नई सोच, नई ऊर्जा की मिसाल पेश की है. हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. हम दोनों कई सालों से दोस्त थे, लेकिन मैं उन्हें अंतिम विदाई नहीं दे सका. मुझे इसका हमेशा दुख रहेगा.
बता दें कि अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद 23 अगस्त को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेटली को 9 अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi, Senior BJP leader LK Advani, Home Minister Amit Shah, Defence Minister Rajnath Singh and BJP Working President JP Nadda at the prayer meet held for former Finance Minister Arun Jaitley pic.twitter.com/5JZx0tGnRJ
— ANI (@ANI) September 10, 2019
Condolence meet in remembrance of Shri Arun Jaitley in New Delhi. https://t.co/3AchVr78zD
— BJP (@BJP4India) September 10, 2019
श्रद्धांजलि सभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अरुण जेटली विलक्षण व्यक्तित्व थे जो भी उनसे मिलता था वो उनका कायल बन जाता था. मैं भी उनका कायल था. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उन्हें राजनीति की गहरी समझ थी. विरोध के बावजूद भी सबके साथ सामंजस्य बिठा लेते थे.
सीपीआई के डी. राजा ने कहा कि अरुण जेटली और हमारे अलग-अलग विचार होने के बावजूद भी मतभेद होने पर एक-दूसरे की रिस्पेक्ट करते थे. जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन ने कहा कि अरुण जेटली मानव नहीं महामानव थे. वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरुण जेटली काफी हाजिर जवाबी थे. बड़े दिल के व्यक्ति थे.
एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि जेटली से हम लोग कानूनी राय लेते थे. राजनीतिक विचारधारा अलग अलग थी, लेकिन व्यक्तिगत रिश्ते अच्छे थे. उनका जाना देश के लिए बड़ी क्षति है. अकाली दल नेता सुखबीर बादल ने कहा कि अरुण जेटली सरकार और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के बीच में एक पुल का काम करते थे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में बीजेपी के दिग्गज नेता ने वित्तमंत्री का कार्यभार 2014 से 2018 तक संभाला. इससे पहले वह राज्यसभा में 2009 से 2014 तक नेता प्रतिपक्ष रहे. वित्त मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान, जेटली ने भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उनके कार्यकाल के दौरान ही नोटबंदी का निर्णय भी लिया गया था.
बिहार में लगाई जाएगी प्रतिमा
इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को घोषणा की कि दिवंगत नेता अरुण जेटली की बिहार में प्रतिमा लगाई जाएगी. उनका जन्मदिवस हर साल राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाएगा. जेटली के निधन को तकलीफदेह बताते हुए नीतीश ने कहा था 'उन्होंने बिहार के लिए जो सहयोग किया है, उसे हम नहीं भूल सकते. उनके निधन से बिहार ही नहीं पूरे देश को नुकसान हुआ है. उनकी स्मृति हमेशा बरकरार रहेगी'