रक्षा मंत्रालय ने रूस से 10 कामोव-31 हेलीकॉप्टर खरीदने की डील को मंजूरी दे दी है. दोनों देशों के बीच इन 10 हेलिकॉप्टर्स का सौदा करीब 3,600 करोड़ रुपए में हुआ है. भारतीय नौसेना ने अपने जहाजों को हवाई खतरों से बचाने के लिए इन हेलिकॉप्टरों की खरीद का प्रस्ताव रखा था. इस मंजूरी के बाद से अब भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी.
ये हेलिकॉप्टर बाकी चॉपरों के मुकाबले बेहद हल्के और नियंत्रित करने में आसान होते हैं. साथ ही पनडुब्बी रोधी युद्ध में कारगर हैं. इन हेलिकॉप्टरों को नौसेना के विमान वाहक और युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा, जिसमें आईएनएस विक्रांत और ग्रेगोइविच क्लास फ्रिगेट शामिल हैं.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत-रूस के बीच हुए सैन्य समझौते के तहत 10 कामोव-31 चॉपर की डील फाइनल हुई है. करीब 3600 करोड़ रुपए में ये चॉपर खरीदे जाएंगे. फिलहाल कामोव-31 का इस्तेमाल रूस और चीन कर रहे हैं. इसके बाद अब यह भारत की नौसेना में शामिल होंगे. भारतीय नौसेना के बेड़े में पहले से ही 12 कामोव-31 हेलीकॉप्टर मौजूद हैं, जो समुद्र में लड़ाकू विमान वाहक जहाजों की रक्षा करते हैं.
Navy pushing Rs 3,500 crore Kamov-31 chopper deal with Russia
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— ANI Digital (@ani_digital) 2 मई 2019
दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस के दौरे के समय दोनों सरकारों के बीच कामोव-31 हेलिकॉप्टरों की खरीद को लेकर करार हुआ था. नौसेना को मजबूती देने के लिए भारत ने हाल ही में 16 एंटी-सबमरीन का सौदा भी किया है. गौरतलब है कि चुनावी सरगर्मी के बावजूद केंद्र सरकार ने सेना के आधुनिकीकरण योजनाओं को प्रभावित नहीं किया है. सेनाओं के लिए रक्षा अधिग्रहण के सिलसिले में डिफेंस एक्विजीशन काउंसिल और सुरक्ष को लेकर कैबिनेट कमेटी की मीटिंग लगातार हो रही हैं.