तमिलनाडु में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख एमके स्टालिन ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रदेश सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया. स्टालिन ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े गलत ढंग से पेश किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की तेजी देखें तो कोरोना मरीजों की तादाद बहुत ज्यादा होगी.
स्टालिन ने कहा कि हर दिन के संक्रमण के मामले देखें तो चेन्नई किसी भी अन्य जगह यहां तक कि दिल्ली से आगे निकल गया है. कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद पर स्टालिन ने प्रदेश सरकार से 5 सवाल पूछे. स्टालिन ने कहा कि सरकार बताए कि अचानक यहां कोरोना के मामलों में तेजी कैसे आ गई. सरकार कोरोना के खिलाफ एक्शन प्लान की जानकारी कब देगी, खासकर चेन्नई में कोरोना का ग्राफ कब गिरेगा, सरकार को बताना चाहिए.
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स्टालिन ने पूछा, सरकार को लोगों को सही-सही बताना चाहिए कि इस समस्या पर कोई कमेटी न बनाकर असल स्थिति लोगों के सामने कब रखी जाएगी. सरकार को यह बताना चाहिए कि वह कोरोना के मामले में विपक्षी दलों, विशेषज्ञों और इससे जुड़े लोगों को कब भरोसे में लेगी. अंत में स्टालिन ने पूछा कि कोविड से हुए नुकसान को देखते हुए अर्थव्यवस्था और बजट आवंटन की क्या योजना है.
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बता दें, तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण में तेजी को देखते हुए कुछ जिलों में 19 से 30 जून तक पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई है. जिन जिलों में लॉकडाउन का ऐलान हुआ है उनमें चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम के नाम शामिल हैं. इन जिलों में सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही लॉकडाउन में ढील दी गई है.
लॉकडाउन के दौरान कैब और ऑटोरिक्शा नहीं चलेंगे, हालांकि कुछ इमरजेंसी हालत हो तो उसके लिए छूट दी गई है. सरकारी दफ्तर 33 फीसदी कर्मचारियों के साथ खुलेंगे. कंटेनमेंट जोन में जो सरकारी कर्मचारी हैं, उनके लिए नियम है कि वे दफ्तर न आएं, घर पर ही रहें. लॉकडाउन की अवधि में बैंक केवल 29 और 30 जून को खुलेंगे. किराना और सब्जी की दुकानें खुलेंगी लेकिन सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक.