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जयंती नटराजन के ठिकानों पर CBI की छापेमारी, पद के दुरुपयोग के आरोप में FIR

सीबीआई ने पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती पर आपराधिक षडयंत्र का मामला भी दर्ज किया गया है. यूपीए सरकार में मंत्री रहने के दौरान पद का दुरुपयोग के आरोप में सीबीआई का यह छापा पड़ा है. जयंती के खिलाफ पीसी ऐक्ट के सेक्शन 120B के तहत पद का दुरुपयोग एवं आपराधिक षडयंत्र करने का मामला दर्ज किया गया है.

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जयंती नटराजन
जयंती नटराजन

सीबीआई ने पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के खिलाफ एक मामले में उनकी चेन्नई आवास पर छापेमारी की. नटराजन पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री रहने के दौरान पद का दुरुपयोग करते हुए खनन के लिए वन विभाग की जमीन की स्थिति बदलने की खातिर मंजूरी दी. आरोप है कि उन्होंने नियमों का कथित रूप से उल्लंघन कर यह मंजूरी दी.

सीबीआई ने पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती पर आपराधिक षडयंत्र का मामला भी दर्ज किया है. यूपीए सरकार में मंत्री रहने के दौरान पद का दुरुपयोग के आरोप में सीबीआई का यह छापा पड़ा है. जयंती के खिलाफ पीसी ऐक्ट के सेक्शन 120B के तहत पद का दुरुपयोग एवं आपराधिक षडयंत्र करने का मामला दर्ज किया गया है. यह मामला 2012 में वन संरक्षण अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को झारखंड के सिंहभूम जिले के सारंदा वन के वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी देने से संबंधित है.

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उमंग केजरीवाल पर भी केस

यह मामला झारखंड का है. केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान झारखंड में पर्यावरण मंजूरी देने के लिए उनके घर पर यह रेड पड़ी. सीबीआई ने इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड और अन्य के खिलाफ भी PC ऐक्ट 120B के तहत मामला दर्ज किया है. इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड (ईसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल और कंपनी के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. गौरतलब है कि कि जयंती यूपीए-2 सरकार के दौरान जुलाई 2011 से दिसंबर 2013 तक पर्यावरण मंत्री रही थीं. जयंती करीब 30 साल तक कांग्रेस में रहीं. जनवरी 2015 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने का आरोप

केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी लेकिन जयंती ने पद संभालने के बाद कथित रूप से उसे मंजूरी दे दी. सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयंती नटराजन ने ईसीएल को गैर वन्य इस्तेमाल के लिए 55.79 हेक्टेयर वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी दी, जबकि उनके पूर्ववर्ती राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी. इसके बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव ना होने के बावजूद मंजूरी दी गयी. एजेंसी ने कहा कि वन महानिदेशक के सुझाव और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किए बिना मंजूरी दी गयी. इस संबंध में सीबीआई ने दिल्ली, कोलकाता, चेन्नै, रांची और ओडिशा के सुंदरगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की है.

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राहुल गांधी पर लगाया था आरोप

यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहीं जयंती नटराजन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़े आरोप लगाए थे. जयंती नटराजन ने आरोप लगाया था कि जब वे पर्यावरण मंत्री थीं तब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खास प्रोजेक्ट्स में पर्यावरण की मंजूरी के लिए कई बार संदेश भेजते थे. जयंती नटराजन का यह आरोप भी था कि मनमोहन कैबिनेट के कई सदस्य भी बड़े प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए उनपर दबाव डालते थे.

 

 

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