केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जीएसटी एंड सेंट्रल एक्सरसाइज के असिस्टेंट कमिश्नर और फिल्म निर्माता अशोक पंडित के भाई दीपक पंडित पर भ्रष्टाचार के आरोप के तहत आय के ज्ञात स्रोतों की तुलना में अधिक संपत्ति होने का मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने दीपक पंडित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो 25 फरवरी तक भुवनेश्वर में पोस्टेट थे. जांच एजेंसी ने दीपक पंडित, उनकी पत्नी आरुषि और उनके दो बेटों आशुतोष व दिव्यांश के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.
मामले में सीबीआई के अधिकारी ने गुरुवार को मुंबई की 6 लोकेशन और भुवनेश्वर की एक जगह पर सर्च अभियान चलाया. इस दौरान दस फ्लैटों और दुकानों से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए. साथ ही 10 बैंक अकाउंट्स और करीब 19 फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड और टर्म डिपॉजिट की रसीदें मिलीं.
गुमनाम शिकायत मिली थी
पिछले साल नवंबर में सीबीआईसी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स) ने आय से अधिक संपत्ति के मालिक होने के कारण दीपक पंडित को निलंबित कर दिया था. सीबीआईसी को दीपक पंडित के खिलाफ एक गुमनाम शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दीपक पंडित ने मुंबई के प्रमुख क्षेत्रों में ज्यादा संपत्ति हासिल करने लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है.
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पंडिता मुंबई हवाई अड्डे पर लंबे समय तक सीमा शुल्क के एआईआर इंटेलिजेंस यूनिट (AIU) के रूप में जुड़े रहे और नियमित ट्रांसफर के बावजूद वह किसी भी तरह एक दशक से ज्यादा समय तक एक ही इकाई से जुड़े रहने में सफल रहे. पंडित ने 1985 में मुंबई में एक क्लर्क के तौर पर कस्टम्स डिपार्टमेंट से अपना करियर शुरू किया. इसके बाद 2002 में पंडित को प्रिवेंशन ऑफिसर और उसके बाद सुप्रीटेंडेंट के रूप में प्रोमोट किया गया. उसके बाद 2014 में उन्हें असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर प्रोमोट किया गया और आखिरी समय में वो भुवनेश्वर में प्रोस्टेट थे.
अप्रैल 2018 में, दीपक पंडित ने चार कथित तस्करों के खिलाफ मोबाइल सामान की तस्करी के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश करने के लिए मामला दर्ज किया था, जबकि तब वे मुंबई कस्टम्स के मरीन और प्रिवेंशन विंग के साथ तैनात थे.
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फिलहाल दीपक पंडिता के खिलाफ साल 2000 से 31 मार्च 2014 के बीच मामला सीबीआई ने दर्ज किया है. इस दौरान पंडित ने कथित तौर 3.96 करोड़ रुपये की 61.80 लाख रुपये की व्यय के साथ 4.39 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी ज्ञात आय का 376 गुणा ज्यादा था. प्राथमिकी में जानकारी है कि पंडित के बेटों और पत्नी ने इस दौरान आय का स्रोत नहीं होने के बावजूद संपत्ति अर्जित की और इस तरह उन्हें मामले में आरोपी बनाया गया है.
इस दौरान परिवार की आय 1.05 करोड़ रुपये थी. पंडित के बेटे आशुतोष पंडित ने JVPD योजना के तहत दो फ्लैटों के रूप में अचल संपत्ति का अधिग्रहण किया. मुंबई के विले पार्ले के पश्चिमी उपनगर के एक प्रमुख क्षेत्र में आशुतोष ने दो करोड़ रुपये में फ्लैट लिया, जबकि उस समय उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं था.
दोनों बेटों की भव्य तरीके से शादी
दीपक पंडित के छोटे बेटे दिव्यांश पंडित ने 94.56 लाख रुपये में सोने की छड़ खरीदी थी, जबकि तब उनके पास भी आय का कोई स्रोत नहीं था. वहीं पंडित ने इस कार्यकाल के दौरान मुंबई के जुहू, अंधेरी पश्चिम और कांदिवली पूर्वी क्षेत्रों में कई आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों को जब्त कर लिया था. साथ ही सीबीआई को उनके बेटे दिव्यांश के वाइल्ड बफैलो प्रोडक्शंस नाम से संचालित प्रोडक्शन हाउस में दाखिल आयकर रिटर्न में कुछ संदिग्ध लेनदेन का भी पता चला है. वहीं, दीपक पंडित पर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने अपने दोनों बेटों की शादी भव्य तरीके से की थी.