रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट कमिटी की बैठक हुई. इसमें संसद की रणनीति और बजट सत्र की तैयारियों पर चर्चा हुई. यूपीएस चेयरपर्सन सोनिया गांधी, गुलाम नबी आजाद समेत विपक्ष के नेताओं के साथ संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर की जो चर्चा हुई, उसको बैठक में ब्रीफ किया गया. इसके अलावा प्रोटेम स्पीकर और स्पीकर के चुनाव पर भी चर्चा हुई. बैठक में शामिल होने के लिए गृह मंत्री अमित शाह, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी राजनाथ सिंह के घर पहुंचे थे.
इससे पहले राजनाथ सिंह को संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी और राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी में शामिल नहीं किया गया था. नीतिगत फैसलों के लिहाज से इन दोनों कमेटियों को बेहद अहम माना जाता है. जब राजनाथ सिंह को इन समितियों में शामिल न किए जाने की बात ने तूल पकड़ा तो फौरन उन्हें इनमें जगह दी गई.
इन अहम समितियों के अलावा राजनाथ सिंह को निवेश और विकास की कैबिनेट कमेटी, रोजगार और कौशल विकास की कैबिनेट कमिटी में भी जगह दी गई है. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी राजनाथ राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समितियों में शामिल थे. राजनाथ सिंह अब 6 कैबिनेट कमेटियों में शामिल हैं. पीएम नरेंद्र मोदी भी इतनी ही कैबिनेट कमेटियों का हिस्सा हैं. वहीं गृहमंत्री अमित शाह सभी 8 कमेटियों में शामिल किए गए हैं.
Delhi: Union Ministers Amit Shah, Dharmendra Pradhan, Mukhtar Abbas Naqvi arrive at the residence of Defence Minister Rajnath Singh for the meeting of Cabinet Committee on Parliamentary Affairs (CCPA). pic.twitter.com/OmHMaWxD29
— ANI (@ANI) June 7, 2019
शाह के बाद निर्मला सीतारमण 8 में से 7 कमेटियों का हिस्सा हैं. इसके अलावा रेलमंत्री पीयूष गोयल पांच, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को 4 कमेटियों में शामिल किया गया है. वहीं संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी में अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, थावर चंद गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर और प्रह्लाद जोशी शामिल हैं. पिछले दिनों प्रोटेम स्पीकर के पद के लिए थावर चंद गहलोत के नाम की अटकलें चल रही थीं. लेकिन बाद में उन्होंने इसे खारिज कर दिया. वहीं स्पीकर पद के लिए मेनका गांधी का नाम लुटियन्स के गलियारों में छाया हुआ है. लेकिन अब तक इन्हें लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.