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एयर इंडिया के बंद होने की खबरों पर बोले अश्विनी लोहानी, 'अफवाह बेबुनियाद'

लोहानी ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि एयर इंडिया अभी भी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है. लोहानी ने खुद ट्वीट कर ऐसी खबरों का खंडन किया है. उन्होंने अपनी ट्वीट में लिखा है कि यात्री, कॉर्पोरेट या एजेंट किसी को भी चिंता की जरूरत नहीं है.

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एयर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी ने किया ट्वीट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एयर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी ने किया ट्वीट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

  • लोहानी ने एयर इंडिया के बंद होने की खबरों को अफवाह बताया
  • उन्होंने कहा कि एयरइंडिया के बंद होने की अफवाह बेबुनियाद

आर्थिक संकट से जूझ रही एयर इंडिया के बंद होने की खबरों को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी ने सिरे से खारिज कर दिया है. एयर इंडिया के चेयरमैन और एमडी अश्विनी लोहानी ने एयर इंडिया के बंद होने की खबरों को अफवाह करार दिया है. लोहानी ने अपने बयान में कहा है, "एयर इंडिया के बंद होने या संचालन बंद करने की अफवाह बेबुनियाद है. एयर इंडिया आगे बढ़ती रहेगी और उड़ान भरती रहेगी."

लोहानी ने ट्वीट कर दिया जवाब

लोहानी ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि एयर इंडिया अभी भी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है. लोहानी ने खुद ट्वीट कर ऐसी खबरों का खंडन किया है. उन्होंने अपनी ट्वीट में लिखा है कि यात्री, कॉर्पोरेट या एजेंट किसी को भी चिंता की जरूरत नहीं है.

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दो दिन पहले पुरी ने की थी अहम मुलाकात

एयरलाइन की तरफ से यह प्रतिक्रिया केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा एयर इंडिया के निजीकरण के संबंध में एयर इंडिया यूनियनों के कई प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के दो दिन बाद आई है.

सरकार ने कहा था निजीकरण एक मजबूरी

इससे पहले सरकार ने मंगलवार को कहा था कि कर्ज में डूबे एयर इंडिया का निजीकरण एक मजबूरी बन गया है क्योंकि इसके बंद होने के बारे में डर बढ़ता जा रहा है. पुरी ने कहा था, "मैंने पहले भी कहा था, हमारे लिए, यह एक विकल्प नहीं है. एयर इंडिया का निजीकरण करना है, एयर इंडिया का निजीकरण किया जाना है."

पुरी पहले भी कर चुके हैं निजीकरण की बात

बता दें कि पिछले साल नवंबर में भी नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो उसे बंद करना पडे़गा. हालांकि, उन्होंने तब यह भी कहा था कि सरकार जो भी करेगी वह कर्मचारियों के हितों के अनूकूल होगा.

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