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अरुण जेटली के नाम पर राज्यसभा के ग्रुप C कर्मचारियों के लिए वित्तीय सहायता योजना

जेटली के निधन के बाद उनकी पत्नी संगीता जेटली ने राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया था कि उनका परिवार पेंशन की राशि को ऊपरी सदन के निम्न वेतन वर्ग वाले कर्मचारियों के कल्याण के लिए दान करना चाहता है.

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बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता अरुण जेटली (फाइल फोटो)
बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता अरुण जेटली (फाइल फोटो)

  • जेटली की पत्नी ने दान के लिए राज्यसभा के चेयरमैन से आग्रह किया था
  • राज्यसभा ने मंजूरी दे दी है, इस वर्ष से योजना को चालू किया जा रहा है

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता दिवंगत अरुण जेटली के नाम पर राज्यसभा सचिवालय ने कर्मचारियों के कल्याण के लिए एक योजना शुरू की है. जेटली का ऊपरी सदन के साथ लंबा जुड़ाव रहा. जेटली का अगस्त 2019 में निधन हुआ था.

जेटली के निधन के बाद उनकी पत्नी संगीता जेटली ने राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया था कि उनका परिवार पेंशन की राशि को ऊपरी सदन के निम्न वेतन वर्ग वाले कर्मचारियों के कल्याण के लिए दान करना चाहता है.

अब राज्यसभा सचिवालय ने एक योजना बनाई है, जिसे महासचिव, राज्यसभा ने मंजूरी दे दी है. इस वर्ष से योजना को चालू किया जा रहा है.

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राज्यसभा में अब “ग्रुप सी एम्प्लॉइज के लिए अरुण जेटली वित्तीय सहायता” योजना के तहत इन कर्मचारियों की संतानों को इंजीनियरिंग, मेडिसिन, एमसीए/एमबीए/एलएलबी के क्षेत्र में उच्च तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा के लिए तीन छात्रवृत्ति दी जाएंगी. इसके अलावा, कर्मचारियों को मृत्यु और मेडिकल इमरजेंसी के मामले में वित्तीय सहायता दी जाएगी.

मौजूदा दरों पर संगीता जेटली की सालाना पारिवारिक पेंशन पात्रता तीन लाख रुपये से अधिक बैठती है. राज्यसभा सचिवालय ने पुष्टि की है कि उन्होंने पिछले साल अगस्त से अब तक की पूरी राशि सचिवालय को ट्रांसफर कर दी है.

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पिछले साल संगीता जेटली ने राज्यसभा के चेयरमैन नायडू को लिखे पत्र में कहा था; "एक दिवंगत सांसद की पत्नी को पेंशन राशि की पेशकश की पवित्र भावना के महत्व को बिना कमतर देखने की मंशा के साथ, और एक वो कारण जिसके लिए अरुण चैम्पियन रहे, मैं माननीय संसद से आग्रह करती हूं कि इस पेंशन को उस संस्था के सबसे जरूरतमंद वर्ग के कल्याण पर लगाया जाए, जिसकी अरुण ने दो दशक तक सेवा की. यानी राज्य सभा के चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के कल्याण के लिए.”

यह दुर्लभ मौका है जब राज्यसभा के किसी पूर्व सदस्य के परिवार ने पेंशन की रकम को सचिवालय के कर्मचारियों के लिए दान किया है.

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