इंडियन एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने आज सोमवार को विंग कमांडर अभिनंदन के साथ लड़ाकू विमान मिग-21 उड़ाया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए बीएस धनोआ ने कहा कि मुझमें और अभिनंदन में 3 समानताएं हैं.
विंग कमांडर अभिनंदन के साथ उड़ान भरने के बाद बीएस धनोआ ने आपस में 3 समानताएं बताते हुए कहा, 'पहला- हम दोनों ने इजेक्ट किया और फिर वापसी की. मैंने 1988 और अभिनंदन ने 2019 में इजेक्ट किया. दूसरी- हम दोनों ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा. मैंने करगिल की लड़ाई लड़ी और अभिनंदन ने बालाकोट की. तीसरी और सबसे अहम समानता है कि मैंने (बीएस धनोआ) अभिनंदन के पिता के साथ मिग-21 उड़ाया था और आज अभिनंदन के साथ लड़ाकू विमान उड़ाया.'
IAF chief Air Chief Marshal BS Dhanoa: It was a pleasure for me to fly with Abhinandan because he has got his flying category back, that is what all pilots look forward to. I also ejected in 1988, it took me 9 months to get my category back. He has been back in less than 6 months pic.twitter.com/OpOUOHzxKm
— ANI (@ANI) September 2, 2019
अभिनंदन ने 27 फरवरी को मिग-21 से उड़ान भरते हुए नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराया था. हालांकि, इस दौरान उनका विमान भी दुर्घटना का शिकार हो गया और वह इजेक्ट करने के बाद पीओके में लैंड हुए थे. पाकिस्तानी सेना ने अभिनंदन को हिरासत में ले लिया था. बाद में पाकिस्तान को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर से पड़े दबाव के बाद अभिनंदन को सकुशल छोड़ना पड़ा. आज उन्होंने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के साथ मिग-21 उड़ाया.
विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के बाद उनके कई मेडिकल टेस्ट कराए गए. हाल में ही उन्हें फिर से लड़ाकू विमान उड़ाने की परमिशन दी गई.#WATCH IAF Chief Air Chief Marshal BS Dhanoa flew a sortie with Wg Cdr Abhinandan Varthaman at Air Force Station Pathankot today in a MiG-21 trainer. It's the last sortie flown by IAF Chief in a fighter aircraft before retirement.They took off around 1130 hrs for a 30 min sortie. pic.twitter.com/retSoI3EVl
— ANI (@ANI) September 2, 2019
पिछले महीने विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने वाले पाकिस्तानी कमांडो को सुरक्षाबलों ने सीमा पर ढेर कर दिया. नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सुरक्षाबलों की गोलीबारी में सूबेदार अहमद खान मारा गया. अभिनंदन का विमान पाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अहमद खान ने ही उन्हें पकड़ लिया था.