एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के पद का सृजन एक बहुत बड़ा और साहसिक कदम था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया किया कि सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं का पूरी तरह समर्थन था ताकि इसे सफल बनाया जा सके.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा 'IAF पूरी तरह से इसका समर्थन करेगा और उन सभी प्रयासों में मदद करेगा जो आवश्यक स्तर पर संयुक्तता लाने के लिए जरूरी है.'
#WATCH: Indian Air Force Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria on creation of post of Chief of Defence Staff (CDS) and how it will help the armed forces. pic.twitter.com/2WbWiZSxfC
— ANI (@ANI) January 1, 2020
CDS के रूप में पदभार संभाला
मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी को CDS के रूप में पदभार संभाला. बुधवार सुबह बिपिन रावत को तीनों सेनाओं की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. करीब दो दशक से इस पद पर मंथन चल रहा था, अब जाकर सरकार ने इस पद का गठन किया. वहीं, प्रधानमंत्री ने भी उन्हें बधाई दी.
तीन साल तक पद पर रहेंगे बरकरार
बिपिन रावत 31 मार्च, 2023 तक सीडीएस रहेंगे. जनरल रावत 16 दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त हुए थे और एक जनवरी 2017 को उन्हें देश की थल सेना का प्रमुख बनाया गया था. वह 31 दिसंबर 2019 को रिटायर हुए थे.
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना के नियमों में संशोधन किया था. संशोधन के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ 65 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं देगा.
तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा
थल सेना के नए प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया. आजतक से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सीडीएस की नियुक्ति से तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा. जनरल नरवणे ने कहा कि पूरा यकीन है कि इससे देश को फायदा ही होगा.
उन्होंने सेना प्रमुख के रूप में अपनी प्राथमिकताओं पर बात करते हुए कहा कि यह कोशिश करेंगे कि सेना ने जो दर्जा हासिल किया है, उसे कायम रखें और आगे बढ़ें. थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि हर सेना की कोशिश रहती है कि वह जंग के लिए हमेशा तैयार रहे. यह एक दिन का काम नहीं है. इसके लिए हर दिन, हर हफ्ते और हर साल तैयारी करनी पड़ती है.