चांद पर पानी की चंद्रयान-1 की खोज के दो माह बाद नासा ने शनिवार को कहा कि उसने भी चांद की सतह पर ‘‘खासी मात्रा में’’ पानी की बर्फ पाई है. पानी की इस खोज से बाहरी अंतरिक्ष में जीवन की खोज का सिलसिला शुरू हो सकता है और इस क्रम में एक स्थायी चंद्र शिविर की स्थापना के विचार को मजबूती मिल सकती है.
खासी मात्रा में मौजूद है चांद पर पानी
नासा के लूनर केट्रर ऑब्जर्वेशन ऐंड सेंसिंग सैटेलाइट (एलसीआरओएसएस) परियोजना वैज्ञानिक एवं एमेस रिसर्च सेंटर के प्रधान जांचकर्ता एंथनी कोलाप्रेट ने कहा, ‘‘सचमुच, हां, हमने पानी खोजा और हमें महज थोड़ा-मोड़ा नहीं मिला, हमने खासी मात्रा में उसे पाया.’’ कोलाप्रेट ने कहा, ‘‘बीस से 30 मीटर के क्रेटर में हमने एक दर्जन, कम से कम दो गैलन बाल्टी पानी पाया.’’ चांद पर पानी की खोज के लिए सात करोड़ 90 लाख डॉलर के अंतरिक्ष यान ने चांद की सतह पर टक्कर मारी. इसके बाद उसके सैंटॉर रॉकेट चरण ने टक्कर मारी ताकि जल बर्फ के संकेतों के विश्लेषण के लिए वैज्ञानिकों को धूल मिल सके.
चांद को अब शुष्क कहना बेमानी
अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह दलील अब दुरुस्त नहीं है कि चांद शुष्क और वीरान जगह है. चांद शायद अरबों साल से जो राज अपने सीने में दबाए था, अब वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए उजागर हो रहा है.’’ वैज्ञानिक चांद पर एक शिविर स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं जो अंतरग्रहीय यात्राओं और अंतरिक्ष की खोज में मदद कर सकता है. उल्लेखनीय है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने सितंबर में ही एलान कर दिया था कि चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी के साक्ष्य पाए हैं.