scorecardresearch
 

चंद्रशेखर हत्याकांड में 3 दोषियों को उम्रकैद

सीबीआई की विशेष अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के नेता चंद्रशेखर प्रसाद हत्याकांड मामले में दोषी करार तीन लोगों को आजीवन कारावास और 40-40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.

Advertisement
X
बिहार
बिहार

सीबीआई की विशेष अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के नेता चंद्रशेखर प्रसाद हत्याकांड मामले में दोषी करार तीन लोगों को आजीवन कारावास और 40-40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.

पटना स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार पांडेय ने भाकपा माले और जेएनयू छात्र संघ के नेता चंद्रशेखर के चर्चित हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए सीवान निवासी ध्रुव कुमार जायसवाल, शेख मुन्ना खां और इलियास बारी को आजीवन कारावास और 40-40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.

बीते 20 मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 120 बी-34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत सीबीआई की विशेष अदालत ने जायसवाल, खां और बारी को दोषी करार दिया था. राजनीति के अपराधीकरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने वाले चंद्रशेखर की 31 मार्च 1997 को सीवान शहर में जेपी चौक के पास गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.

इस घटना में घायल दो अन्य लोगों श्यामनारायण यादव और भुट्टी मियां ने भी दम तोड़ दिया था. राज्य के इस चर्चित हत्याकांड की बाद में बिहार सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी. हत्याकांड के सिलसिले में शहाबुद्दीन का नाम प्रमुखता से सुखिर्यों में आया था. इस कांड में राजद के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन जमानत पर हैं.

Advertisement

छात्र संघ और भाकपा माले के जुझारू नेता चंद्रशेखर 31 मार्च 1997 को भाकपा माले की रैली के सिलसिले में प्रचार कर रहे थे, तभी अंधाधुंध गोलीबारी कर जेपी चौराहे के पास उनकी हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में भाकपा माले नेता रमेशचंद्र कुशवाहा के बयान पर सीवान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 30 मई 1998 को आरोपपत्र दाखिल किया गया था. सीबीआई ने इस कांड में 20 गवाह पेश किये, जबकि बचाव पक्ष ने 15 गवाहों को पेश किया.

राज्य सरकार ने चंद्रशेखर हत्याकांड के मामले में 28 जुलाई 1997 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद भारत सरकार ने 31 जुलाई को 1997 को मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया था. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण की गयी इस हत्या में छह आरोपी थे. अदालत ने तीन लोगों को शुक्रवार को सजा सुनाई. सीबीआई जज धीरेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में ही एक अन्य आरोपी रुस्तम खां के खिलाफ मुकदमा चल रहा है.

शहाबुद्दीन अभी जमानत पर हैं, जबकि छठा आरोपी रियाजुद्दीन फरार है. अपनी गवाही के क्रम में दिवंगत भाकपा माले नेता की मां कौशल्या देवी ने मोहम्मद शहाबुद्दीन पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण अपने पुत्र की हत्या का आरोप लगाया था. सीबीआई ने भी ध्रुव जायसवाल को बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के घर से गिरफ्तार करने की बात कही थी.

Advertisement
Advertisement