बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि चीन की प्रगति और विकास के पीछे जो संकल्प है वह सीखने लायक है.
सात दिन की चीन यात्रा से पटना लौटे नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी यह यात्रा सार्थक और उपयोगी रही. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान चीन की प्रगति को और विभिन्न क्षेत्रों में चीन में जो काम हो रहे हैं, उसको देखने समझने और जानने का अवसर मिला.
नीतीश ने कहा कि जिस ढंग से चीन ने प्रगति की है, वह प्रशंसा के लायक है. हर क्षेत्र में चाहे वह बुनियादी ढांचे का सवाल हो या सडकों, पुलों या रेलवे का निर्माण हो, उद्योग, बिजली का क्षेत्र हो या उत्पादन का मामला हो सभी क्षेत्रों में उनकी प्रगति देखने लायक है.
उन्होंने बताया कि चीन की इस यात्रा के दौरान उन्हें गांवों में भी जाने और उनकी कृषि प्रणाली भी देखने का मौका मिला. नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार से वे अपने कृषि का इंतजाम कर रहे हैं उसमें कई ऐसी बातें हैं जो शायद हमारे लिए अपने देश में कर पाना संभव नहीं हो, लेकिन जहां तक उनका काम है वह देखने के लायक है.
उन्होंने कहा कि हर एक इलाके में मीलों तक आप चले जाएं, जिस तरह से उन्होंने नई तकनीक का सहारा लेकर सब्जी की खेती की है कि पूरे इलाकों में मीलों तक वे ग्रीन हाउस दिखेंगे.
नीतीश ने कहा कि शानडांग प्रांत के इलाका भ्रमण करने के दौरान उन्होंने पाया कि वहां के लोग केवल अपने लिए नहीं, उक्त प्रांत और देश के लिए नहीं बल्कि वे दूसरे देशों जापान और दक्षिण कोरिया के लिए भी 22 सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि वहां लोग कंपनी बनाकर खेती करते हैं पर हमारे यहां तो किसान अपनी जमीन के मालिक स्वयं होते हैं ऐसे में हम उनके मॉडल को शायद अपना नहीं पाएं, लेकिन वहां प्रगति दिखती है.
नीतीश ने कहा कि चीन यात्रा के दौरान उनकी विभिन्न स्तर पर अनेक नेताओं से मुलाकात हुई और एक दिन तो शानडांग प्रांत में घंटो बातचीत होती रही. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि चीन में जो निर्णय लिये जाते हैं उनपर अमल जरूर किया जाता है.
नीतीश ने चीन की सडकों को सुंदर, चौडी़ और निर्माण की दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण बताया और कहा उनकी प्रगति से वे प्रभावित हुए हैं और जिस तरह से वे एक संकल्प के साथ काम करते हैं वह देखने लायक है. उन्होंने कहा कि चीन में बिजली के बेहतरीन इंतजाम है और जरूरत पडने पर वे अपनी क्षमता का शत-प्रतिशत वे उत्पादन कर सकते हैं.
नीतीश ने कहा कि वहां बौद्ध धर्म में विश्वास करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है और लोगों का मानना है कि बौद्ध धर्म जीवन का एक दर्शन है. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान बिहार के बोधगया और नालंदा विश्वविद्यालय की चर्चा हुई और उसमें लोगों ने दिलचस्पी दिखाई इसलिए इसमें उन्हें असीम संभावना दिखती है.
नीतीश ने कहा कि उनके विचार से ज्यादा से ज्यादा लोगों को चीन जाकर वहां के विकास को देखना चाहिए और वे चाहेंगे कि बिहार के किसानों और विधायकों का एक समूह वहां जाकर स्वयं भी देखे कि वहां क्या हो रहा है.
उन्होंने कहा कि चीन की तरह यहां कंपनी बनाकर कृषि का विकास नहीं हो सकता लेकिन वे किसानों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र की तर्ज पर कॉपरेटिव बनाकर अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाकर बेहतर मूल्य पाने के प्रयास करने को कहा जा सकता है.
नीतीश ने कहा कि इस वर्ष को भारत और चीन ने मिलकर ‘आदान-प्रदान का वर्ष’ घोषित किया है और इसके अंतर्गत काफी आदान-प्रदान होंगे लेकिन उसके आगे भी जाकर हम चाहेंगे कि हमारे यहां से लोग वहां विभिन्न स्थलों का दौरा करें और वहां से सीखें. सात दिन के चीन दौरे में नीतीश वहां के सैनडांग प्रांत, शांघाई और बीजिंग गये और उन्होंने महसूस किया कि उनका संकल्प सीखने और प्रगति देखने लायक है.
उन्होंने कहा कि हमे अपने लोकतंत्र पर नाज है और हम अपने लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ रहे हैं और भारत तरक्की कर रहा है. उन्होंने कहा ‘मुझको ऐसा लगता है कि हमारा जो रास्ता है वह टिकाऊ रास्ता है और आगे हम बढेंगे, इसमें कोई शक नहीं’.
अपनी यात्रा को सार्थक बताते हुए नीतीश ने कहा कि बिजली, पर्यटन और सौर उर्जा के क्षेत्र में वहां के लोगों ने जिसतरह की दिलचस्पी दिखाई है उन्हें लगता है कि आने वाले दिनों में हम बेहतर ढंग से आगे बढ पाएंगे. उन्होंने बताया कि एशिया को बौद्ध धर्म कैसे जोडता है इसको लेकर कल वहां एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित था जिसमें कई देशों के विद्वान और राजनयिक आए हुए थे.
नीतीश ने कहा कि वहां बौद्ध धर्म तेजी से फैल रहा है और चीन के चार क्लासिकल उपन्यासों में से एक जर्नी टू द वेस्ट चीनी नेतृत्व ने उन्हें उपहार के तौर पर दिया गया है जो कि इस बात का संकेत है कि एक नये किस्म का रिश्ता उभरने की संभावना है इसलिए वे अपनी इस यात्रा को बहुत ही उपयोगी मानते हैं.
पटना हवाई पहुंचने पर नीतीश का स्वागत प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों, विधायकों, राज्य के वरिष्ठ अधिकारों और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने किया.