कांग्रेस में तमिलनाडु से एकमात्र महिला चेहरा जयंती नटराजन का लगभग 13 साल के अंतराल के बाद केंद्रीय मंत्री परिषद में प्रवेश हुआ है. वह एक कुशल वक्ता और नेहरू-गांधी परिवार की वफादार रही हैं.
नटराजन (57) के सामने कठिन चुनौती होगी क्योंकि उन्हें सक्रिय मंत्री जयराम रमेश का विभाग मिला है जिन्होंने पर्यावरण मंत्रालय को ताकत दी जिसका उनके पास स्वतंत्र प्रभार था.
जाने माने कांग्रेसी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. भक्तवत्सलम की पोती नटराजन 1980 के दशक में राजनीति में आने से पहले चेन्नई में वकालत करती थीं और उनके पास कांग्रेस में कई पद रहे हैं. वह पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहीं.
नटराजन को 1986 में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव गांधी राजनीति में लेकर आए और उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया. वह 1992 1997 और 2008 में भी उच्च सदन के लिए चुनी गईं.
वह मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में पर्यावरण एवं वन मंत्री होंगी और यह उनके लिए घर वापसी जैसा होगा. वह इंद्र कुमार गुजराल के मंत्रिमंडल में तमिल मनीला कांग्रेस (टीएमसी) सदस्य के रूप में नागर विमानन राज्य मंत्री थीं.
नटराजन 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव से मतभेदों के बाद दिवंगत कांग्रेस नेता जीके मूपनार द्वारा बनाई गई टीएमसी में शामिल हुई थीं और उन्हें उनकी वफादारी के लिए राज्य मंत्री का पद मिला था. मूपनार के निधन के बाद 2002 में टीएमसी के कांग्रेस में विलय के साथ नटराजन पार्टी में शामिल हुईं और चार साल पहले उन्हें प्रवक्ता बनाया गया.
कुशल वक्ता नटराजन ने कैमरों के सामने पार्टी के विचारों को आसान और सहज ढंग से रखने के लिए अक्सर प्रशंसा भी बटोरी.
वह महिला अधिकारों की लड़ाई में हमेशा अग्रिम मोर्चे पर रही हैं. उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को देखने वाली संसदीय समिति का नेतृत्व किया.
नटराजन कई सामाजिक संगठनों के साथ भी काम करती रही हैं.