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सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए सहयोग पर सहमत हुए भारत-नेपाल

भारत और नेपाल दोनों जाली नोट और मानव तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों के अलावा आतंकवाद को रोकने की दिशा में संयुक्त प्रयास करने पर सहमत हुए हैं.

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भारत और नेपाल दोनों जाली नोट और मानव तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों के अलावा आतंकवाद को रोकने की दिशा में संयुक्त प्रयास करने पर सहमत हुए हैं.

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने अपनी तीन दिवसीय नेपाल यात्रा की समाप्ति पर कहा ‘‘मैंने नेपाल के अधिकारियों को यह बता दिया है कि उनकी जमीन का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, जिसमें जाली नोट और मादक पदार्थों की तस्करी भी शामिल है. हम चाहते हैं कि नेपाल सरकार ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाए.’’

यात्रा के दौरान राष्ट्रपति राम बरन यादव, प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री सुजाता कोईराला से मिलने वाले कृष्णा ने कहा ‘‘उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि उनकी धरती का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा ‘‘हमारा ध्यान उनके सहयोग की ओर है.’’ कृष्णा की यात्रा की समाप्ति पर जारी हुए एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि कृष्णा और सुजाता के बीच दोनों देशों की सुरक्षा चिंताओं के बारे में चर्चा हुई और दोनों इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद और चरमपंथ दोनों पक्षों के लिए खतरा है.

कृष्णा ने कहा ‘‘वे इस समस्या के समाधान के लिए करीबी सहयोग करने पर तैयार हुए हैं.’’ कृष्णा और सुजाता के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी, जिसके तहत जाली नोट, मानव तस्करी और हथियारों की तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए सहयोग पर बात हुई. कृष्णा ने नेपाल को आश्वासन दिया कि भारत नेपाल के आग्रह पर उसे हरसंभव मदद देने का इच्छुक है, जिसमें उसके सुरक्षा संगठन भी शामिल हैं.

दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर में विलंब के बारे में पूछे जाने पर कृष्णा ने कहा कि भारत निश्चित रूप से जल्दी चाहेगा लेकिन वह तब तक इंतजार करना चाहता है जब तक नेपाल तैयार न हो जाए. नेपाल में इस बारे में राजनीतिक दलों में सहमति न बन पाने के कारण इस पर हस्ताक्षर में विलंब हो रहा है. कृष्णा ने कहा ‘‘कुछ देरी हो रही है, भारत बहुत धर्यवान है.’’

उन्होंने कहा कि भारत 1950 में हुई शांति एवं मित्रता संधि की समीक्षा करना चाहता है लेकिन इसके लिए पहल पड़ोसी देश की ओर से की जानी चाहिए क्योंकि इसमें स्पष्टता जरूरी है. उन्होंने कहा ‘‘हम इसके लिए तैयार हैं.’’ माओवादी नेता प्रचंड के हाल में भारत पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कृष्णा ने कहा कि उन्होंने ‘हाल के दिनों में प्रचंड के भारत विरोधी वक्तव्यों पर अपनी नाखुशी’ पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड से जाहिर कर दी है. प्रचंड ने भारत पर नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था.

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