पंजाब के नए कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा की अटकलें चल रही हैं. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू विधानसभा चुनावों के बाद एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं. वे पिछले 9 दिनों में लगातार तीन मीटिंग भी कर चुके हैं. इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में चल रहे धरने पर जाकर भी लोगों से मिले और आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा.
दरअसल, अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट पर करारी हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू कई दिनों तक एक तरह के एकांतवास में चले गए थे. इस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने हारने वाले राज्यों के सभी अध्यक्षों का इस्तीफा भी मांग लिया था, लेकिन नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा जल्द हो सकती है और इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब से 4 नेताओं के नाम मांगे हैं. जाहिर सी बात है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से कांग्रेस के पूर्व विधायकों, मंत्रियों और उन नेताओं से मेल मुलाकात का दौर शुरू कर दिया है, जो की सिद्धू के पाले में आकर उनका समर्थन कर सकते हैं.
पंजाब के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार का कारण पंजाब के ज्यादातर नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू और चरनजीत चन्नी की आपसी कलह बताया था. कई वरिष्ठ नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू से इस्तीफे की भी मांग की थी. यही वजह है कि सिद्धू अब उन नेताओं को साध रहे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के धुर विरोधी हैं और सिद्धू के नाम का समर्थन अध्यक्ष पद के लिए कर सकते हैं. सिद्धू के नेतृत्व में पहले सुल्तानपुर लोधी के पूर्व कांग्रेस विधायक नवतेज चीमा के आवास पर अहम बैठक हुई. इसमें 20 से ज्यादा पूर्व विधायक और मौजूदा विधायक सुखपाल खैरा, सुनील दत्ती, अश्विनी सेखरी, बलविंदर धारीवाल, नजर सिंह मनशाहिया और अन्य नेताओं सहित कई नेता शामिल हुए. इस लंच डिप्लोमेसी में मीडिया को दूर ही रखा गया.

दूसरी बड़ी मीटिंग लुधियाना नॉर्थ से पूर्व विधायक राकेश पांडेय के घर पर रखी गई. यहां पर सिद्धू खेमे की तरफ से तकरीबन 40 बड़े नेताओं के पहुंचने का दावा किया गया और मीटिंग लगभग तीन घंटे तक चली. हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी तक किसी भी मीटिंग के बारे में कुछ भी नहीं बोला है और हर मीटिंग में मीडिया से दूरी बनाई है, लेकिन इस मीटिंग में भी सुखपाल खैरा,अश्वनी सेखरी, बलविंदर धालिवाल, कमलजीत बराड़, सुरेंदर डाबर, राकेश पाण्डेय, सुनील दत्ती और नवतेज चीमा समेत कई नेता पहुंचे. हालांकि किसी ने भी ये नहीं कहा कि ये मीटिंग अध्यक्ष पद के नाम की चर्चा को लेकर है. विधायकों ने कहा कि बैठक लॉ एंड ऑर्डर समेत पंजाब की कई समस्याओं पर चर्चा करने की बात की गई.
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से भी संबंध खराब हो गए थे. इन लोगों ने ही सिद्धू को अध्यक्ष बनवाने के लिए दिन रात मेहनत की थी. हालांकि सिद्धू बार-बार दावा करते रहे हैं कि उन्हें किसी पद की जरूरत नहीं है, लेकिन उनकी महत्वकांक्षा क्या है. ये सभी समझ रहे हैं.