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भारत

ये है दुनिया का सबसे ऊंचा रिसर्च सेंटर, चीन से निपटने ऐसे कर सकता है मदद

ये है दुनिया का सबसे ऊंचा रिसर्च सेंटर, चीन से निपटने ऐसे कर सकता है मदद
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चीन और भारत के बीच एलएसी (लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल) पर आए दिन होने वाले तनाव से निपटने के लिए लद्दाख स्थित एक्सट्रीम एलटीट्यूड रिसर्च सेंटर (ईएआरसी) भारत के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है. आपको बता दें कि ईएआरसी दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित सेना का रिसर्च सेंटर है.
ये है दुनिया का सबसे ऊंचा रिसर्च सेंटर, चीन से निपटने ऐसे कर सकता है मदद
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डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई अल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) के डायरेक्टर ओ. पी चौरसिया के मुताबिक, भारत और चीन की सीमा पर माइनस 40 डिग्री से कम टेम्प्रेचर होता है. ऐसे कठिन मौसम में सेना के कई हथियार जवाब दे देते हैं. इसीलिए इस रिसर्च सेंटर पर सीमा पर भेजे जाने वाले हथियारों की टेस्टिंग की जाएगी.
ये है दुनिया का सबसे ऊंचा रिसर्च सेंटर, चीन से निपटने ऐसे कर सकता है मदद
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इस टेस्टिंग से यह पता लगेगा कि माइनस 40 डिग्री की वास्तविक स्थिति में हथियार कैसे काम करते हैं. गौरतलब है कि डीआरडीओ सियाचिन सेक्टर में तैनात किए जाने वाले हथियारों की टेस्टिंग ईएआरसी में करने की प्लानिंग कर रहा है. भविष्य में छोटे हथियारों की भी टेस्टिंग यहां की जा सकेगी.  
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बता दें कि लद्दाख के चांग ला में समुद्र तल से 17,600 फीट की ऊंचाई पर बने इस रिसर्च सेंटर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. इसका उद्घाटन 2015 में हुआ था. यह सेंटर डीआईएचएआर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई है.
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यहां ठंड के मौसम में तापमान शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है. फिलहाल यहां बर्फीले स्थानों पर तैनात सैनिकों के खाने के सामान, कृषि और जैव चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलप्मेंट का काम किया जाता है.
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