देश एक बार फिर आतंक के आंसू रो रहा है और पाकिस्तान में बैठा आतंक का आका
बड़े दावे के साथ कह रहा है कि हिंदुस्तान के जवानों पर आतंकी हमला उसने
करवाया है, दरअसल पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन
जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. IED विस्फोट के जरिए जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी
हमले को अंजाम दिया. जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर ने इसे
आत्मघाती हमला बताया है.
आतंकी संगठन ने दावा किया है कि इस आत्मघाती हमले को अंजाम आदिल अहमद डार
नाम के आतंकवादी ने दिया है. इस आत्मघाती हमले में आतंकी आदिल अहमद डार
के भी परखच्चे उड़ गए. ये पहली बार नहीं है जब जैश-ए-मोहम्मद ने भारत को
अपना निशाना बनाया है, आतंकी मसूद अज़हर हमेशा भारत पर अपनी नापाक
नज़रें गड़ा कर रखता है.
जैश-ए-मोहम्मद के बारे में
जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी जिहादी संगठन है, जिसका मकसद कश्मीर को भारत से अलग करना है. इसकी स्थापना मौलाना मसूद अजहर ने की थी. लेकिन मौजूदा वक्त में उसका भाई मौलाना रऊफ असगर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है. मसूद अज़हर ने मार्च 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी थी. साल 2001 में अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया. जिसके बाद साल 2002 में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद को बैन कर दिया. जैश-ए-मोहम्मद का नाम भारत, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जारी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है.
भारत के शिकंजे में था जैश का सरगना मसूद अज़हर
जैश-ए-मोहम्मद का हाथ भारत में हुए कई आतंकी हमलों में रहा है. कंधार विमान अपहरण से पहले मौलाना मसूद अज़हर भारत के कब्जे में था, जिसे छुड़ाने के लिए आतंकियों ने 31 दिसंबर 1999 को भारत के एक विमान को अगवा कर लिया था. इस विमान नें 814 यात्री सवार थे. इन यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को मसूद अजहर को कंधार ले जाकर छोड़ना पड़ा था. (Photo: Reuters)
जैश-ए-मोहम्मद का खूनी खेल
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य तरीका आत्मघाती हमला करना है. जैश-ए-मोहम्मद कट्टरपंथी विचारों वाले ऑडियो कैसेट कश्मीर भेजकर युवाओं को गुमराह करता है. इस संगठन में हरकत-उल-मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-अंसार के कई चरमपंथी शामिल हैं. (Photo: Reuters)
सूत्रों के मुताबिक़ पीओके से भर्ती किए गए आतंकियों को टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए जैश-ए-मोहम्मद के आका उनको बहावलपुर में अपने हेड ऑफिस के अंडरग्राउंड टेक रूम में 'टेक्निकल वॉर' की ट्रेनिंग देकर आगे की ट्रेनिंग के लिए भेजते हैं. यहीं पर शामिल किए गए आतंकियों का ब्रेनवॉश भी किया जाता है. सूत्रों के मुताबिक पहले चरण की ट्रेनिंग के बाद जैश-ए-मोहम्मद अपने जिहादी ग्रुप को ग्राउंड ट्रेनिंग के लिए पीओके के कैंप में भेजती है. यहीं पर इनको भारतीय सुरक्षाबलों पर फ़िदायीन हमले करने के लिए उकसाया भी जाता है.
संसद भवन पर हमला (दिसंबर, 2001)
13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर किए गए भारत के सबसे बड़े आतंकी हमले को भी जैश के आतंकियों ने ही अंजाम दिया था. इस आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत 9 लोग शहीद हुए थे, एक सफेद एंबेसडर कार में आए 5 आतंकियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था.
24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों ने
मिलकर गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर में हमला किया था. 29 अक्टूबर
2005 को जैश और लश्कर के आतंकियों ने मिलकर दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट
किया.
लाहौर में साल 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए हमले की
जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने ही ली थी. 2 जनवरी 2016 को
पठानकोट में जैश-ए-मुहम्मद ने एयरफोर्स स्टेशन पर हमला, जिसमें 7 जवान शहीद
हुए.
पठानकोट हमला (02 जनवरी 2016)
02 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर भी आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था. इस हमले में 6 आतंकवादी शामिल थे. आतंकी हमले के बाद 65 घंटे तक चले सेना के ऑपरेशन में सभी आतंकवादियों को मारा गिराया गया था. हमले में देश के 7 जवान शहीद हो गए थे और 37 जवान घायल हुए थे.
उरी हमला (18 सितंबर 2016)
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकियों ने 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर फिदायीन हमला किया था. इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे. सेना ने जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकियों को भी मार गिराया था. यही नहीं, भारत ने पाकिस्तान सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकाने पर सर्जिकल स्ट्राइक कर इस हमले का बदला लिया था.
सचिन को अपहरण करने की दी थी धमकी
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने साल 2008 में भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपहरण करने की धमकी दी थी. यह सूचना मिलते ही नागपुर पुलिस ने सचिन की सुरक्षा और कड़ी कर दी थी.