एक व्यक्ति ने कहा कि कथावाचक ब्राह्मण ही होना चाहिए. इस पर जाति व्यवस्था और पारंपरिक कार्यों को लेकर बात हुई. चर्चा में बताया गया कि लोग आज भी जन्म से मृत्यु तक पुरानी जातिगत व्यवस्था का पालन कर रहे हैं.