पूर्वोत्तर के सुपरस्टार, सिंगर, संगीतकार और आइकन जुबीन गर्ग के 53वें जन्मदिन का जश्न सिलचर के ऐतिहासिक दाई मैदान में बेहद भव्य तरीके से मनाया गया. बराक वैली की सांस्कृतिक बिरादरी और हजारों की संख्या में जुटे संगीत प्रेमियों ने अपने प्रिय कलाकार के बर्थडे को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कार्यक्रम में करीब 10,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए.
सुबह से ही दाई मैदान में चहल-पहल शुरू हो गई थी. अलग-अलग जगहों से पहुंचे लोग पोस्टर, बैनर, कटआउट और टी-शर्ट के साथ दिखाई दिए, जिन पर जुबीन गर्ग के फेमस गीत और तस्वीरें थीं.
कार्यक्रम की शुरुआत बड़ा सा केक काटने के साथ हुई, जिसे आयोजकों, क्षेत्रीय कलाकारों और जुबीन गर्ग के साथ काम कर चुके लोगों ने मिलकर काटा. इसके बाद आसमान में 53 दीप छोड़े गए, जो उनके 53वें जन्मदिन का प्रतीक थे और जिन्हें देखकर पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
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कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब देखने को मिला, जब बराक के कलाकारों ने बंगाली और असमिया दोनों भाषाओं में जुबीन गर्ग का प्रसिद्ध गीत 'माया बिनी' प्रस्तुत किया. यह प्रस्तुति न केवल जुबीन के म्यूजिक कंट्रीब्यूशन को सलामी थी, बल्कि बराक वैली की सांस्कृतिक एकता का भी संदेश दे रही थी.
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गीत के दौरान हजारों लोग मोबाइल फ्लैशलाइट जलाकर झूमते नजर आए, मानो पूरा मैदान एक सामूहिक स्वर में अपने प्रिय कलाकार को श्रद्धांजलि दे रहा हो.
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इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कलाकार देबजीत साहा भी मौजूद थे, जिनकी मौजूदगी ने दर्शकों में अतिरिक्त उत्साह भर दिया. देबजीत ने कहा कि जुबीन दा सिर्फ एक सिंगर नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर का एक भावनात्मक प्रतीक हैं. उनकी आवाज ने हम सबके दिलों को जोड़ा है.
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कार्यक्रम में उपस्थित जुबीन के करीबी सहयोगी दिलीप सिन्हा और डॉली सिन्हा ने कई पुरानी यादें साझा कीं. दिलीप सिन्हा ने कहा कि जुबीन दा के गीतों में जो प्यार और ऊर्जा है, वही उन्हें सबसे खास बनाती है. हम हर साल उन्हें इसी तरह याद करते रहेंगे.
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कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय सांस्कृतिक समितियों और युवा समूहों ने मिलकर किया था. आयोजन समिति ने कहा कि जुबीन गर्ग के जन्मदिन को इतनी भव्यता से मनाने का फैसला इसीलिए लिया गया, क्योंकि वे बराक और ब्रह्मपुत्र दोनों वैली के लोगों को एकजुट करने वाले कलाकार हैं.
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दाई मैदान का माहौल उत्सव की तरह बना रहा- लाइव परफॉर्मेंस, असमिया और बंगाली गानों की प्रस्तुतियां, फूड स्टॉल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने हजारों लोगों की भीड़ को बांधे रखा. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई अपने तरीके से जुबीन गर्ग के प्रति प्यार और सम्मान व्यक्त कर रहा था.
सिंगापुर में हो गया था जुबीन गर्ग का निधन
असम के सिंगर जुबीन गर्ग को लोग प्यार से जुबिन दा कहते थे, उनका असली नाम जुबिन बोरठाकुर था. 19 सितंबर 2025 को 52 वर्ष की उम्र में सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान उनका निधन हो गया था, जिसने संगीत जगत को गहरे सदमे में डाल दिया था. 18 नवंबर 1972 को जन्मे जुबीन गर्ग को संगीतप्रेमी 2006 में आई फिल्म गैंगस्टर के सुपरहिट गीत या अली की जादुई आवाज के लिए याद करते हैं.