तपोवन की सुरंग में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश (PTI) मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली में आपदा में प्रभावित सीमांत गांव रैणी और लाता जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया. सीएम ने कहा कि चमोली में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर हमारी सरकार बेहद संजीदा है. सेना, एयरफोर्स, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस प्रशासन के जवान तथा स्वास्थ्य, राजस्व, आपदा प्रबंधन विभाग एवं स्थानीय जनता पूरी मुस्तैदी से राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राशन वितरण, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी को सुचारू बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रयासरत है. केंद्र सरकार से हमें हरसंभव मदद मिल रही है.
तपोवन में वायुसेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार वायुसेना काम कर रही है. आज एमआई 17 हेलिकॉप्टर से एनडीआरएफ के जवानों और 450 किलो राहत सामग्री को देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से जोशीमठ ले जाया गया है.
इसके अलावा DRDO के वैज्ञानिकों ने वायुसेना के हेलिकॉप्टर से पूरे इलाके का सर्वेक्षण किया. इस बीच गौचर लैंडिंग ग्राउंड को सेना ने एक्टिवेट कर दिया है.

#Exclusive | "हमारे जवानों ने अपने हाथों में अपनी जान लेकर लोगों को बचाया है": @DrRPNishank, केंद्रीय शिक्षा मंत्री#Uttarakhand #UttarakhandGlacierBurst #Chamoli pic.twitter.com/urytR6lZVh
— AajTak (@aajtak) February 9, 2021
उत्तराखंड के पूर्व मख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि उत्तराखंड हादसे में कुल 206 लोग लापता हुए थे. इनमें से अब तक 31 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. इनमें से 2 ही लोगों के शव की पहचान हो सकी है. बाकी शवों की पहचान की जा रही है. 175 लोग अभी भी लापता हैं.
#Exclusive | "कीचड़ और मलबे के कारण बचाव अभियान में देरी हो रही है": @DrRPNishank, केंद्रीय शिक्षा मंत्री#Uttarakhand #UttarakhandGlacierBurst #Chamoli pic.twitter.com/fMaMxYABwi
— AajTak (@aajtak) February 9, 2021
इंडियन नेवी की मरीन कमांडो टीम और गोताखोर तपोवन पहुंच गई है. इनके सामने एनटीपीसी की दूसरी टनल में फंसे करीब 35 लोगों को बचाने की चुनौती है. बता दें कि घटना के बाद 52 घंटे से ज्यादा गुजर चुके हैं. चिंताजनक बात ये है कि सुरंग के अंदर पानी का स्तर बढ़ रहा है. नेवी की टीम विशेष उपकरणों के साथ सुरंग के अंदर प्रवेश करने वाले हैं. नेवी के मार्कोस कमांडो के अलावा गढ़वाल कमांडो भी अंदर जाएंगे.
7 फरवरी 2021 को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने 12 लोगों को बचाया था, जिन्हें जोशीमठ अस्पताल से आज छुट्टी दे दी गई. इस दौरान परिवार के सदस्य भावुक हो गए.
तपोवन की सुरंग 180 मीटर की है. 130 मीटर अंदर तक टीमें पहुंच चुकी हैं लेकिन मलबा भरा हुआ है. तीन दिन से रेस्क्यू का काम जारी है. वहीं सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए मरीन कमांडो का दस्ता भी पहुंचा है. ऑन ग्राउंड रेस्क्यू मिशन के लोग कह रहे हैं कि मलबा हटाने में दो दिन और लग सकती है.
A Hyderabad based team has got a remote sensing device that can detect debris up to 500 metres deep in the ground. We are using the device with the help of a chopper: Ashok Kumar, DGP #Uttarakhand pic.twitter.com/klnUYdQwq1
— ANI (@ANI) February 9, 2021
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग से मलबा कब तक हटाया जा सकता है, इसके बारे में भी कुछ भी सटीक नहीं बताया जा सकता है. हमने इंजीनियरों को टनल में जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने को भी कहा है. हम आज इसका प्रयास करेंगे. टनल 2.5 किलोमीटर लंबी है, इसलिए ये मत सोचें कि उसमें पानी और ऑक्सीजन जल्द खत्म हो जाएगी.
चमोली त्रासदी में मरने वालों की संख्या 31 हो चुकी है. आज पांच और शव बरामद किए गए हैं. वहीं तपोवन टनल में घुसने की कवायद जारी है. अभी अंदर पहुंचने में सफलता नहीं मिली है. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि टनल में अभी 35 लोगों फंसे हुए हैं उन्हें निकालने की कोशिश जारी है.
450 jawans of ITBP, 5 teams of NDRF, 8 teams of Indian Army, a Navy team and 5 IAF helicopters are engaged in search and rescue operation: Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha on Uttarakhand glacier disaster pic.twitter.com/opL8Ng6LIH
— ANI (@ANI) February 9, 2021
#WATCH: Mi 17 chopper offloading relief equipment and personnel at Joshimath; Indian Air Force continues relief operations in view of Uttarakhand glacier disaster
— ANI (@ANI) February 9, 2021
(Video Source: Indian Air Force) pic.twitter.com/6y8JBy4fUJ
Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar donates Rs 11 crores to Uttarakhand state disaster response fund: Haryana Directorate of Information and Public Relations
— ANI (@ANI) February 9, 2021
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने बताया कि दूसरी टनल को खोलने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. ऐसे में अब हम एक दूसरे रास्ते से घुसने की कोशिश कर रहे हैं. अभी तक कुल 29 शव बरामद हुए हैं बाक़ी लोगों की ढूंढने का काम तेज़ी से किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी का आज भी फ़ोन आया था. उन्होंने हालात के बारे में पूरी जानकारी ली. अभी उनके उत्तराखंड आने की जानकारी नहीं है. सीएम ने बताया कि डीआरडीओ और कुछ वैज्ञानिक ऋषिगंगा ग्लेशियर का सर्वे कर रहे हैं. ये पता किया जा रहा है कि ये तबाही क्यों आई.
About 35 people are stuck inside the tunnel, we're trying to drill and make way via rope to reach them. We have recovered 2 more bodies, total death count 28 so far. Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/kIUAraxZHB
— ANI (@ANI) February 9, 2021
आईटीबीपी, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक संयुक्त टीम तपोवन टनल में दाखिल हुई है. टीम सुरंग के अंदर के जल स्तर की जांच करेगी जहां से मलबा साफ किया गया है.
#WATCH I Uttarakhand: A joint team of ITBP, Army, NDRF and SDRF enters into the Tapovan tunnel to check the water level inside the tunnel ahead of the point till where the debris has been cleared.
— ANI (@ANI) February 9, 2021
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/D53UNKp0iI
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ था. इसमें 200 लोग लापता हैं. पश्चिम बंगाल के भी पांच मजदूर बह गए थे. बंगाल के पांचों मजदूर पूर्वी मिदनापुर और पुरुलिया जिले के रहने वाले थे.
सेना ने सुरंग तक पहुंच बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. गढ़वाल स्काउट्स के विशेषज्ञ पर्वतारोहियों की विशेष टीम सुरंग में ड्रिल करने के लिए काम कर रही है. ड्रिल करने में 3 से 4 घंटे लगेंगे. मलबा 100 मीटर तक साफ किया गया. हालांकि अब भी 80 मीटर रह गया है.
Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat takes stock of the situation in areas affected due to glacier disaster in Chamoli. pic.twitter.com/x5OS6GUqaX
— ANI (@ANI) February 9, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार के 3 मंत्री आज उत्तराखंड जाएंगे. दो कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री उत्तराखंड में हादसे वाली जगह का दौरा करेंगे. कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी और बाढ़ राहत राज्यमंत्री विजय कश्यप उत्तराखंड जाएंगे. कल देर रात उत्तराखंड की चमोली घटना को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक की थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. सीएम के आदेश पर 3 मंत्रियों को उत्तराखंड भेजा जा रहा है. यूपी के लोगों को लेकर ये करेंगे काम. साथ ही दो हेल्पलाइन नंबर 1070 और 9454441036 भी जारी किए गए हैं. हरिद्वार में यूपी के अधिकारी स्थिति की मॉनिटरिंग करेंगे. मॉनिटरिंग करने के लिए कमिश्नर और आईजी सहारनपुर हरिद्वार भेजे जाएंगे. राहत कार्यालय में सिंचाई विभाग और गृह विभाग के अधिकारी भी बैठेंगे. यूपी के पीड़ितों के परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से दो लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली के रैणी गांव में दो और शव मिले हैं. रैणी गांव में ग्लेशियर का पहला असर देखने को मिला था जहां गांव के कई घर तेज पानी के बहाव में बह गए थे.
उत्तराखंड में हुई त्रासदी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह 11.30 बजे राज्यसभा में जानकारी देंगे.
उत्तराखंड में राहत-बचाव का काम जारी है. वायुसेना की ओर से आज Mi-17 को मिशन में लगाया गया है, जो देहदादून से जोशीमठ में NDRF के जवानों को पहुंचाएगा.
The operation tasks for the day has commenced. Mi-17 airborne from Dehradun for Joshimath with NDRF personnel on board. An ALH carrying DRDO's DGRE scientists is undertaking a recce of Tapovan area and glacier: Indian Air Force pic.twitter.com/e2h5esc48i
— ANI (@ANI) February 9, 2021
Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat conducts aerial survey of areas affected due to glacier disaster in Chamoli.#UttarakhandFlood pic.twitter.com/61T7werdUl
— ANI (@ANI) February 9, 2021
Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat visits ITBP hospital in Joshimath, Chamoli where injured people are admitted. pic.twitter.com/LId9ZkFVFU
— ANI (@ANI) February 9, 2021
• टीमों द्वारा पूरी रात काम किया गया.
• सुरंग के अंदर कीचड़ की मात्रा उम्मीद से अधिक.
• तीन जेसीबी लगातार काम कर रही हैं, लेकिन अभी भी काफी दूरी बची है.
• सेना को उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में इस दूरी को खत्म कर लिया जाएगा.
• सुबह से ही सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें ऑक्सीजन के साथ यहां तैनात है, ताकि जरूरत पड़ते ही उपयोग में लिया जा सके.
ITBP की ओर से तपोवन की टनल को खाली करने का काम किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक 120 मीटर टनल खाली हो पाई है. ऐसे में अब कोशिश है कि टनल के जितना अंदर हो सके, जाया जाए ताकि लोगों को बचाने का मिशन आगे बढ़े.
#WATCH | Rescue operation continues at Tapovan tunnel in Chamoli, Uttarakhand pic.twitter.com/eIeAkndKY9
— ANI (@ANI) February 9, 2021
तपोवन टनल के पास सेना, SDRF, NDRF समेत कई एजेंसियां काम में जुटी हैं और फोकस है कि अंदर बचे लोगों को राहत पहुंचाई जा सके. देर रात तक काम चलता रहा और मंगलवार सुबह होते ही रेस्क्यू का काम शुरू हो गया.
Rescue operations to recover trapped victims in the tunnel in Tapovan, #Uttarakhand continue as the day breaks
— ANI (@ANI) February 9, 2021
Visuals of the equipment used and the personnel posted from the scene of the operations pic.twitter.com/Scpk6ox0RI
तपोवन टनल के पास जहां पर रेस्क्यू का मुख्य फोकस है, वहां पर सेना ने इमरजेंसी मेडिकल सिस्टम लागू कर दिया है. यहां 6 बेड का मेडिकल रूम बनाया गया है, ताकि जरूरत के वक्त तुरंत काम आ सके.
उत्तराखंड के हादसे में अबतक 26 लोगों की जान चली गई है, जबकि करीब 171 लोगों की तलाश की जा रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार, ISRO, DRDO की मदद से पूरी तबाही को परखा जा रहा है, ताकि जल्दी से रिकवरी शुरू की जा सके.