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Uttarkashi Tunnel rescue LIVE: मजदूरों के रेस्क्यू के लिए टनल में घुसी NDRF, बाहर एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम तैनात

ओंकार बहुगुणा | नई दिल्ली | 22 नवंबर 2023, 11:41 PM IST

सिलक्यारा छोर से मजदूर अंदर गए थे. इसी हिस्से में 200 मीटर की दूरी पर मलबा गिरा है. मलबा करीब 60 मीटर लंबाई में है. यानी मजदूर 260 मीटर दूर फंसे हैं. लेकिन सिलक्यारा से बहुत जल्द गुड न्यूज आ सकती है. NDRF की टीम टनल के अंदर घुस गई है.

सुरंग से मजदूरों को निकालने के लिए जद्दोजहद जारी (फोटो- PTI) सुरंग से मजदूरों को निकालने के लिए जद्दोजहद जारी (फोटो- PTI)

उत्तरकाशी में युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रेस्क्यू टीमें 12 नवंबर 41 लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में जुटी हैं. एजेंसियों ने कहा है कि आज रात तक टनल से बड़ी खबर आ सकती है. NDRF की 21 सदस्यीय टीम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल में गई है. इसके साथ ही उनके पास स्ट्रेचर्स भी हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं. टनल के बाहर एंबुलेंस मौजूद हैं. चिन्याली सौढ़ हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की चहल कदमी शुरू हो गई हैं.

11:41 PM (2 वर्ष पहले)

लोहे के स्ट्रक्चर ने रोका रेस्क्यू ऑपरेशन

Posted by :- Hemant Pathak

सुरंग में 41 लोगों के रेस्क्यू का काम अब अंतिम चरण में हैं. बताया जा रहा है कि लोहे का स्ट्रक्चर रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन गया है. इसी वजह से अभियान में देरी हो रही है. इस लोहे की संरचना को हटाने के लिए गैस कटर का उपयोग किया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान इसे काटने की कोशिश कर रहे हैं. 
 

10:58 PM (2 वर्ष पहले)

सिल्कयारा में रेस्क्यू टीम अब अंतिम चरण में: CMO उत्तराखंड

Posted by :- Hemant Pathak

CMO उत्तराखंड ने कहा कि सिल्कयारा में रेस्क्यू टीम अब अंतिम चरण में है. मजदूरों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैनात है. सुरंग के अंदर एक एम्बुलेंस तैनात की गई है. श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिन्यालीसौढ़ स्थित सीएचसी में डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी उत्तरकाशी में मौजूद हैं.

9:22 PM (2 वर्ष पहले)

PM मोदी ने सुबह की थी सीएम धामी से बात

Posted by :- Hemant Pathak

बचाव अभियान की जानकारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की थी. वहीं, नई पाइपलाइन के माध्यम से भेजे गए एंडोस्कोपिक कैमरे की मदद से मंगलवार तड़के फंसे हुए श्रमिकों के पहले दृश्य कैप्चर किए गए थे.
 

9:21 PM (2 वर्ष पहले)

सुरंग का ये एरिया बहुत महत्वपूर्ण

Posted by :- Hemant Pathak

एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद और खुल्बे ने कहा कि तीन 800 मिमी चौड़े पाइप बिछाने के लिए 39 मीटर ड्रिल किया गया था. उन्होंने कहा, 40 मीटर से 50 मीटर के बीच का एरिया सबसे महत्वपूर्ण है. अहमद ने कहा कि सुरंग के बरकोट छोर से लगभग 8 मीटर क्षैतिज ड्रिलिंग की गई है. अहमद ने कहा था कि सिलक्यारा छोर से फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए मलबे के माध्यम से छह-छह मीटर लंबाई के कम से कम तीन और स्टील पाइप बिछाने की जरूरत है.
 

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8:14 PM (2 वर्ष पहले)

घटनास्थल पर डॉक्टरों को बुलाया 

Posted by :- Hemant Pathak

एजेंसियां सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने में सफलता के करीब पहुंच गई हैं. इसके साथ ही टनल के बाहर एंबुलेंस स्टैंडबाय पर रखी गईं हैं. डॉक्टरों को आपदा स्थल पर बुलाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि रेस्क्यू पाइप का एक और 6 मीटर का हिस्सा सुरंग के ढहे हिस्से के मलबे के माध्यम से ड्रिल की गई एक बरमा मशीन के रूप में डाला गया था.
 

8:08 PM (2 वर्ष पहले)

रेस्क्यू जल्द पूरा होने की उम्मीद

Posted by :- Hemant Pathak

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए. रात में मुख्यमंत्री उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्कयारा टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम 6 मीटर और आगे बढ़ने में सक्षम हैं और उम्मीद है कि अगले 2 घंटों में जब हम अगले चरण के लिए तैयारी करेंगे, हम बचे हुए काम को पूरा करने में सक्षम होंगे.
 

8:06 PM (2 वर्ष पहले)

स्ट्रेचर और मास्क लेकर गई NDRF की टीम

Posted by :- Hemant Pathak

NDRF की टीम मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए विशेष पहिये वाले स्ट्रेचर लेकर गई है. बताया जा रहा है कि श्रमिक अपनी शारीरिक स्थिति के कारण 60 मीटर तक चलने में असमर्थ होंगे. इसलिए ये कदम उठाया गया है. टीम एक विशेष ऑक्सीजन पैक मास्क भी सुरंग में लेकर गई है. 

8:02 PM (2 वर्ष पहले)

सिल्क्यारा सुरंग के बाहर एंबुलेंस मौजूद, NDRF की टीम सुरंग में घुसी

Posted by :- Hemant Pathak

सिलक्यारा सुरंग से किसी भी वक्त गुड न्यूज आ सकती है. NDRF की 21 सदस्यीय टीम टनल के अंदर प्रवेश कर गई है. उनके पास ऑक्सीजन के सिलेंडर भी हैं. वहीं टनल के बाहर एंबुलेंस तैनात हैं. माना जा रहा है कि रेस्क्यू का काम अंतिम चरण में है.

1:44 PM (2 वर्ष पहले)

39 मीटर तक डाले जा चुके 800 मिमी के पाइप

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

एजेंसियों का कहना है कि यह हमारे लिए काफी खुशी की बात है कि हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि, जब तक हम 45 से 50 मीटर तक आगे नहीं पहुंचते तब तक हम नहीं कह पाएंगे. बड़कोट की तरफ से भी लगभग 8 मी खुदाई हो चुकी है. इसके अलावा सुरंग में माइक्रोफोन और स्पीकर भेजा गया है. इसके जरिए ही मजदूरों से बात होगी. 

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8:17 AM (2 वर्ष पहले)

32 मीटर तक डाले जा चुके पाइप

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन अब तक 32 मीटर तक ड्रिल कर चुकी है. इसमें 800 एमएम व्यास के पाइप डाले गए हैं. कुल 60 मीटर तक ड्रिल कर पाइप डाले जाने हैं. रेस्क्यू टीमों ने 40 एंबुलेंस बुलाई हैं. आपातकालीन सेवा 108 को अलर्ट पर रखा गया है. ऑपरेशन के कल तक खत्म होने की संभावना है. 
 

7:20 AM (2 वर्ष पहले)

कितना मुश्किल है ऑपरेशन...

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब तक सरकार थाईलैंड और नॉर्वे के एक्सपर्ट की मदद ले चुकी है. कई इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट भी मजदूरों को निकालने में अपना अनुभव साझा कर रहे हैं. लेकिन अभी भी रेस्क्यू टीम के सामने कई चुनौतियां पहाड़ की तरह खड़ी हैं. राहत कार्य में जुटीं एजेंसियाों का कहना है कि वो मलबा चीरकर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालकर ही चैन की सांस लेंगी. दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि NHIDCL ने सिल्कयारा छोर से हॉरिजेंटल बोरिंग ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया है जिसमें एक बरमा मशीन शामिल है.

7:20 AM (2 वर्ष पहले)

पाइप के जरिए हर घंटे भेजा जा रहा खाना

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

रसोइया संजीत राणा ने बताया कि डॉक्टर की देखरेख में कम तेल और मसालों के साथ भोजन तैयार किया जा रहा है. ताकि यह आसानी से पच सके. श्रमिकों को रात में खाने के 150 पैकेट भेजे गए. उन्होंने बताया कि दिन में फल भेजे गये थे. मजदूरों को हर एक घंटे में खाना दिया जा रहा है. सुबह फल भेजे गए थे, खिचड़ी, दलिया, साबूदाना, सोयाबीन बोतल में भरकर मजदूरों तक पहुंचाए जा रहे हैं. मजदूरों तक 6 इंच चौड़ी पाइप लाइन पहुंच गई है.

7:16 AM (2 वर्ष पहले)

तीन मोर्चे से मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

उत्तरकाशी में 10 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सरकार और एजेंसियां दिन रात एक किए हैं. मजदूरों के रेस्क्यू के लिए तीन तरफ से ड्रिलिंग का प्लान है. सिलक्यारा और बड़कोट यानी सुरंग के दोनों ओर से ड्रिलिंग हो रही है. इसके अलावा वर्टिकल खुदाई भी जारी है. 

- सिलक्यारा छोर से मजदूर अंदर गए थे. इस छोर से 2340 मीटर की सुरंग बन चुकी है. इसी हिस्से में 200 मीटर की दूरी पर मलबा गिरा है. मलबा करीब 60 मीटर लंबाई में है. यानी मजदूर 260 मीटर दूर फंसे हैं. लेकिन मजदूरों के पास मूव करने के लिए दो किलोमीटर का इलाका है. 50 फीट चौड़ी रोड और दो किलोमीटर लंबाई में वो मूव कर सकते हैं.

- इसी 60 मीटर मलबे में से 24 मीटर से ज्यादा ड्रिलिंग हो चुकी है. यानी करीब 36 मीटर हिस्सा भेदना है, जहां दिक्कत आ रही है, क्योंकि कुछ चट्टानें भी गिरी हैं. बड़कोट के दूसरे छोर पर 1740 फीट सुरंग बन चुकी है. अब यहां से ड्रिलिंग शुरू हुई है. लेकिन यहां से 480 मीटर तक ड्रिलिंग करनी होगी, तब जाकर मजदूरों तक पहुंच पाएंगे. 

- पहाड़ के ऊपर से सीधी खुदाई कर प्लेटफॉर्म बनाने का काम आज पूरा होगा, SJVNL के पास 45 मीटर तक मशीनें पहुंच चुकीं हैं, लेकिन खुदाई 86 मीटर होनी है.

- सुरंग के बड़कोट मुहाने से रेस्क्यू टनल बनाई जा रही है, अगर रेस्क्यू के बाकी प्लान फेल हो गए तो इससे मजदूरों को निकाला जाएगा, ये टनल 8 मीटर से ज्यादा तक बन चुकी है.

7:15 AM (2 वर्ष पहले)

टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं. इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हैं. 

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7:15 AM (2 वर्ष पहले)

12 नवंबर से फंसे हैं मजदूर

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इन्हें निकलने के लिए 10 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली.

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