तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने राज्य में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के जरिए "वोट चोरी की साजिश" रची जा रही है, जिससे लाखों मतदाताओं के नाम गलत तरीके से सूची से हटाए जा सकते हैं. सीएम एमके स्टालिन ने कहा, "वोट चोरी का खतरा अब हमारे दरवाजे तक पहुंच चुका है, हमें एकजुट होकर इसका मुकाबला करना होगा."
पचमढ़ी में दिए गए अपने संबोधन में स्टालिन ने कहा, "सही और पारदर्शी मतदाता सूची ईमानदार चुनाव की बुनियाद होती है. हम सुधार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बिना पर्याप्त समय और पारदर्शिता के की जा रही यह प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए खतरनाक है."
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स्टालिन ने बताया कि उन्होंने सहयोगी दलों से चर्चा के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और 11 नवंबर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं.
SIR फॉर्म की मांगों पर भी भड़के स्टालिन
स्टालिन ने SIR फॉर्म की जटिलताओं और भ्रमित करने वाले सवालों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "फॉर्म में तीन बार रिश्तेदार का नाम पूछा गया है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि किस रिश्तेदार की बात हो रही है. मामूली गलती पर भी मतदाता का नाम हटाया जा सकता है."
मुख्यमंत्री ने बताया कि BLO (ब्लॉक लेवल अधिकारी) ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, और कई जगहों पर फॉर्म ही उपलब्ध नहीं कराए जा रहे. उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी कम अवधि में लाखों फॉर्म भरवाना और उन्हें कंप्यूटरीकृत कर 7 दिसंबर तक सूची जारी करना असंभव है.
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स्टालिन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
स्टालिन ने कहा कि DMK ने जनता की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 8065420020 जारी किया है, जहां आम नागरिक SIR से जुड़ी अपनी शंकाएं दूर कर सकते हैं. उन्होंने जनता से अपील की. "अपने वोट के अधिकार की रक्षा करें. यह लोकतंत्र की आत्मा है. वोट चोरी का खतरा अब हमारे दरवाजे तक पहुंच चुका है, हमें एकजुट होकर इसका मुकाबला करना होगा."