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GST कटौती के बाद भी तमिलनाडु में आविन डेयरी ने नहीं घटाए दाम, उठे सवाल

जीएसटी में कटौती के बावजूद, तमिलनाडु की सरकारी डेयरी कंपनी आविन ने अपने उत्पादों की कीमतें कम नहीं की हैं. विपक्षी नेता अंबुमणि रामदास ने इसे जनता का शोषण बताया है. हालांकि, आविन का कहना है कि कीमतों में कमी में देरी सरकारी आदेश के इंतजार के कारण हुई है.

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डेयरी उत्पाद के रेट कम न होने पर PMK नेता ने DMK को घेरा. (Photo: ITG)
डेयरी उत्पाद के रेट कम न होने पर PMK नेता ने DMK को घेरा. (Photo: ITG)

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल द्वारा डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने के बावजूद भी तमिलनाडु की सरकारी डेयरी कंपनी आविन ने अभी तक अपने उत्पादों की कीमत में कोई कटौती नहीं की है. जिसको लेकर विपक्षी दल और लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. इसी को लेकर पट्टाली मक्कल कच्ची (PMK) ने अंबुमणि रामदास तमिलनाडु की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने डेयरी के इस कदम को गरीबों का शोषण करार दिया है. 

इसके इतर जीएसटी रिफॉर्म्स के बाद देशभर में अमूल, नंदिनी, मदर डेयरी और अन्य निजी कंपनियों ने अपने उत्पादों के दाम घटा दिए हैं. आविन द्वारा अपने उत्पादों में कटौती न करने पर पीएमके नेता डेयरी पर निशाना साधा और एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा, 'देशभर में सरकारी और निजी डेयरी कंपनियां जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा रही हैं, लेकिन आविन ऊंचे दामों पर अपने उत्पाद बेच रही है. ये गरीबों का शोषण है. डीएमके सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या आविन के उत्पादों के आधार मूल्य बढ़ा दिए गए हैं.'

'डेयरी ने बढ़ाए चार बार दाम'

उन्होंने ये भी कहा कि डीएमके के सत्ता में आने के बाद आविन ने अपने उत्पादों पर चार बार दाम बढ़ा दिए हैं. उन्होंने बताया कि आविन ने जितनी तेजी से अपने उत्पादों पर दाम बढ़ाए हैं, उतनी तेजी से निजी कंपनियां भी रेट नहीं बढ़ाती हैं. मार्च 2022 में आविन के एक किलो घी की 515 रुपये थी जो अब 700 रुपये है, यानी 36% की बढ़ोतरी है.

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'मुनाफे के लिए लोगों का शोषण अमानवीय'

रामदास ने कहा, 'जीएसटी लगने पर तमिलनाडु सरकार ने दाम बढ़ा दिए थे. अब टैक्स कम होने पर दाम घटाना नैतिक रूप से जरूरी है और आविन के उत्पादों गरीब भी इस्तेमाल करते हैं, मुनाफे के लिए उनका शोषण अमानवीय है. इसलिए बिना किसी देरी के तमिलनाडु सरकार को जीएसटी कर में कमी के अनुरूप आविन डेयरी उत्पादों की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए.'

दरअसल, पैकेज्ड दूध पर शुरू से ही कोई जीएसटी  नहीं था. हालांकि, पनीर, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क, घी और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों पर 12% जीएसटी लगता था. जीएसटी सुधारों के तहत डेयरी उत्पादों पर कर घटाकर 5% कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि डेयरी उत्पादों पर जीएसटी कर कम होने के परिणामस्वरूप गुजरात की सार्वजनिक क्षेत्र की डेयरी कंपनी अमूल ने अपने 700 से ज़्यादा डेयरी उत्पादों की कीमतों में कटौती कर दी है. तो कर्नाटक की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नंदिनी ने 15 उत्पादों की कीमतें कम कर दी हैं. जबकि कई निजी कंपनियों ने भी दस से ज्यादा तरह के डेयरी उत्पादों पर कीमतें कम कर दी हैं.   

उन्होंने दावा किया कि इन कंपनियों और निजी कंपनियों ने अपने डेयरी उत्पादों की कीमतों में 25 रुपये से 40 रुपये तक की कटौती की है. हालांकि, आविन ने कर में कमी के बावजूद अपनी कीमतें कम नहीं की हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में आविन द्वारा कीमतें कम न करने के पीछे क्या मकसद है?

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आविन ने आरोपों पर दी सफाई

पीएमके नेता के आरोपों पर सफाई देते हुए आविन  के अधिकारियों ने कहा कि दाम जीएसटी समावेशी हैं, इसलिए किसी भी कमी के लिए राज्य सरकार का औपचारिक आदेश जरूरी है और इसी कारण घी की कीमतों की कटौती में दरी हुई है.

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