nirmala sitharaman संसद के चालू शीतकालीन सत्र का बुधवार को तीसरा दिन रहा. पहले दिन एसआईआर पर खूब बहस हुई. पक्ष और विपक्ष के बीच चली रार और विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार बाधा आई. वहीं, राज्यसभा में भी विपक्ष के वॉकआउट के बाद जीरो ऑवर और स्पेशल मेंशन की कार्यवाही चली. दूसरे दिन की कार्यवाही में बीच का रास्ता निकालने पर बात हो रही थी, लेकिन दूसरा दिन संचार साथी ऐप के मुद्दे के नाम रहा. इस मामले पर एक बार फिर विपक्ष ने तल्ख तेवर दिखलाए. संसद सत्र का तीसरा दिन, बीते दो दिनों की अपेक्षा शांतिपूर्ण रहा. इस दौरान प्रदूषण, SIR, रेणुका चौधरी का कुत्ता लाने का विवाद भी मुद्दा बना. इसके साथ ही बुधवार को संसद में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक पर चर्चा हुई और संसद से यह विधेयक पास हो गया. इसी के साथ तीसरे दिन की कार्यवाही संपन्न हो गई. संसद की कार्यवाही अब गुरुवार को सुबह 11 बजे से प्रारंभ होगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि पिछले दस साल में भारतीय रेलवे में बड़े ट्रेन हादसे तेज़ी से कम हुए हैं. इसका मुख्य कारण सुरक्षा पर भारी निवेश, आधुनिक सिग्नलिंग और कवच जैसी नई तकनीक है. मंत्री ने सांसद पठान यूसुफ के सवाल के जवाब में आँकड़े पेश किए:
2014-15 में बड़े हादसे: 135
2024-25 में सिर्फ: 31
2025 में नवंबर तक सिर्फ: 11 हादसे
यानी दस साल में हादसे करीब 73% तक कम हो गए.
प्रति मिलियन किलोमीटर हादसों की दर भी 0.11 से घटकर 0.03 रह गई है.
मौतें भी बहुत घटीं:2004-14 में औसतन हर साल 90 से ज्यादा मौतें
2024-25 में सिर्फ 18 मौतें
चोटें भी 3,155 से घटकर सिर्फ 92 रह गईं
सुरक्षा पर खर्च तीन गुना से ज्यादा2013-14 में: ₹39,463 करोड़
2024-25 में: ₹1,14,022 करोड़
2025-26 में प्रस्तावित: ₹1,16,470 करोड़
कवच सिस्टम का तेज़ विस्तारपलवल-मथुरा-कोटा-नागदा खंड (633 किमी) पर कवच 4.0 पूरी तरह लग चुका है.
दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा, सभी गोल्डन कॉरिडोर और 15,512 किमी हाई-डेंसिटी रूट पर काम तेज़ी से चल रहा है.
संसद के शीतकालीन सत्र में डीएमके सांसद पी विल्सन ने वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय आपातकाल बताते हुए केंद्र सरकार से कड़ा सवाल किया कि जब दिल्ली हर साल नवंबर-दिसंबर में गैस चैंबर बन जाती है, तो संसद का सत्र इसी समय क्यों बुलाया जाता है?सांसद ने कहा, “2025 में दिल्ली में एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरा जब हवा सुरक्षित रही हो. हर साल 17 हजार लोग दिल्ली में और 15 लाख लोग पूरे देश में प्रदूषण से मर रहे हैं. दिल्ली वालों की जिंदगी 8 साल तक कम हो रही है. फिर भी हम इसी जहरीली हवा में बैठकर कानून बनाते हैं. क्या ये ठीक है?”उन्होंने सुझाव दिया कि संसद का शीतकालीन सत्र बंद कर दिया जाए या दूसरी तारीखों पर किया जाए.
अधीर रंजन चौधरी ने नेहरू पर टिप्पणी करने के लिए राजनाथ सिंह पर हमला बोला है. अधीर ने कहा- "सरदार पटेल और कांग्रेस के बीच कोई अंतर नहीं था. राजनाथ जी को इतिहास की बातें संसद के बाहर नहीं, संसद के अंदर बोलनी चाहिए. सरदार पटेल ने ही आरएसएस पर बैन लगाया था.
कांग्रेस राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने प्रदूषण को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि हमने इस मुद्दे पर सदन में नोटिस दिया था, लेकिन चर्चा नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी ने भी इस पर अखबार में लेख लिखा है. रंजीत रंजन ने कहा, “जान बचेगी तभी तो हम संसद में आ पाएंगे. आज प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि वॉक पर जाना भी मुश्किल हो गया है. हम स्वस्थ रहेंगे तभी इस पर चर्चा कर सकते हैं.” उन्होंने संसद भवन के आसपास हो रहे कंस्ट्रक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे भी प्रदूषण फैल रहा है. संसद में कम से कम 8 घंटे इस पर चर्चा होनी चाहिए.
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा- लोग प्रदूषण से मर रहे हैं, किसी को चिंता नहीं है. बीएलओ (BLO) आत्महत्या कर रहे हैं, उनके परिवार बर्बाद हो रहे हैं, उन्हें इसकी चिंता नहीं है. मजदूर कानून हम पर थोपे जा रहे हैं. संचार साथी ऐप हम पर थोपा जा रहा है, लेकिन रेणुका चौधरी का कुत्ता सबको खटक गया. अब मैं क्या कहूं? मैं जानवरों की देखभाल करती रहूंगी. कोई कानून नहीं है जो संसद परिसर में कुत्तों के आने पर रोक लगाता हो. अटल बिहारी वाजपेयी जी तो एक बार बैलगाड़ी पर भी आए थे... कुत्ते कितने वफादार होते हैं, इन्हें वफादारी का क्या पता... अब किरेन रिजिजू जी हमें चरित्र प्रमाणपत्र दे रहे हैं? पहले अपनी पार्टी के अंदर झाँक कर देखें. आपके मंत्री किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर मार देते हैं. रिजिजू जी पहले अपनी पार्टी को सुधारें, फिर हमें चरित्र प्रमाणपत्र दें... मुझे कैसे पता (कि मेरे खिलाफ प्रिविलेज मोशन कौन ला रहा है)? अगर उन्हें इतना टाइम है तो करने दें जो करना है. मुझे चिंता करने की क्या जरूरत है?"
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ‘संचार साथी’ पहल पर कहा,"संचार साथी के माध्यम से पूरे देश को एक जासूसी तंत्र में बदला जा रहा है. सरकार ने हर सेलफोन निर्माता और आयातक को कहा कि हर स्मार्टफोन और सेलफोन में संचार साथी ऐप को अनिवार्य तौर से अपलोड करना पड़ेगा. सरकार ने ये भी हिदायत दी है जो मौजूदा स्मार्टफोन है उसमें सॉफ़्टवेयर अपग्रेड के माध्यम से संचार साथी ऐप को अपलोड किया जाए और संचार साथी ऐप को न अमेंड किया जा सकता है न डिलीट किया जा सकता है. अगर किसी विदेशी हैकर, विदेशी एजेंसी ने संचार साथी ऐप को हैक कर लिया तो सबका डेटा लीक हो जाएगा.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने संसद में जाति जनगणना को लेकर किए गए अपने एक सवाल पर मिले जवाब को आधार बनाते हुए मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने जाति जनगणना को सीधे तौर पर विश्वासघात करार दे दिया. एक्स पर एक पोस्ट के जरिए राहुल गांधी ने अपनी बात रखते हुए लिखा- 'संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा - उनका जवाब चौंकाने वाला है. न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद. दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं. मोदी सरकार की यह जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात है.'
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि फेक न्यूज़ भारत की लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन चुका है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैल रही अफवाहों, गलत सूचनाओं और AI से बनाए जा रहे डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया. प्रश्नकाल के दौरान वैष्णव ने कहा, “सोशल मीडिया के दुरुपयोग से कुछ ऐसे इकोसिस्टम तैयार हो गए हैं जो न तो भारतीय संविधान मानना चाहते हैं और न ही संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करना चाहते. यह बहुत गंभीर मसला है. फेक न्यूज़ और डीपफेक हमारे लोकतंत्र को खोखला कर रहे हैं. इसके खिलाफ मजबूत कानूनी ढांचा बनाना और सख्त कदम उठाना समय की मांग है.'
आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कांग ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा- 'केंद्र सरकार ने पंजाब को बाढ़ राहत के लिए एक भी पैसा नहीं दिया. सारी घोषणाएं सिर्फ कागजों पर हैं. पंजाब को अभी तक एक रुपया भी नहीं मिला. 'राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारीहरसिमरत कौर ने पंजाब की भगवंत मान सरकार पर बाढ़ प्रभावितों की मदद न करने और केंद्र से मिली राशि को दबाने का आरोप लगाया, जबकि AAP नेताओं ने केंद्र पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने का इल्ज़ाम लगाया. पंजाब में इस साल जुलाई-अगस्त में आई बाढ़ से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई थी और सैकड़ों गांव पानी में डूब गए थे. दोनों पक्षों के इन परस्पर विरोधी दावों से बाढ़ पीड़ितों में भ्रम और गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सदन में इस मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ. विपक्ष ने केंद्र से स्पष्ट जवाब मांगा कि आखिर पंजाब को कितनी राहत राशि दी गई और वह राशि कहां है.
पंजाब में इस साल आई भीषण बाढ़ को लेकर आज संसद में केंद्र और पंजाब सरकार के बीच तीखी राजनीतिक जंग देखने को मिली. शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के सांसदों ने एक-दूसरे पर जमकर हमले बोले. शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब सरकार पर केंद्र से मिली बाढ़ राहत राशि को छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा 'केंद्र का कहना है कि पंजाब सरकार के पास SDRF (राज्य आपदा राहत कोष) में 12,000 करोड़ रुपये पड़े हैं. वहीं पंजाब के वित्त मंत्री कहते हैं कि केंद्र ने बाढ़ राहत के लिए घोषित 1600 करोड़ रुपये अभी तक नहीं दिए. दोनों सरकारों के इन दावे-प्रतिदावों के बीच पंजाब का आम जनता फंसा हुई है. जनता जानना चाहती है कि पैसा आया है या नहीं, और अगर आया है तो उसका इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ?”
संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के विवाद पर लोकसभा में आज केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई.
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने तुरंत जवाब दिया- “अगर ऐसा है तो फिर सरकार निर्माता कंपनियों पर ऐप प्री-इंस्टॉल करने की जिद क्यों कर रही है? अगर यह अनिवार्य नहीं है तो लोग जैसे दूसरे ऐप डाउनलोड करते हैं, वैसे ही डाउनलोड कर लेंगे, प्री-लोडेड करने की क्या जरूरत है? दूसरी बात, जो डायरेक्टिव जारी हुआ है, वह मंत्री जी के बयान का सीधा-सीधा खंडन कर रहा है. अगर वाकई यूज़र को पूरी छूट है तो फिर इस डायरेक्टिव को तुरंत वापस ले लिया जाए.”
कार्ति के सवाल पर मंत्री ने अभी कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन सूत्रों के अनुसार मंत्रालय फीडबैक के आधार पर जल्द ही संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर सकता है. विपक्ष इस मुद्दे को “नागरिकों की निजता पर हमला” बता रहा है और डायरेक्टिव को पूरी तरह वापस लेने की मांग पर अड़ा हुआ है.
संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के विवाद पर लोकसभा में आज केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई. मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सदन में स्पष्ट किया:
“जनता में जो अफवाहें चल रही हैं, उन पर मत जाइए. नियम 7B में कहीं नहीं लिखा है कि यूज़र ऐप को अनइंस्टॉल नहीं कर सकता. समस्या यह है कि बिना डिटेल में गए बहुत सारी सच्चाई खो जाती है.
7B सिर्फ इतना कहता है कि फोन में ऐप इंस्टॉल होनी चाहिए और यूज़र तक उसकी पहुंच में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए, उसे डिसेबल नहीं किया जाना चाहिए ताकि यूज़र इस्तेमाल कर सके. 7B में कहीं नहीं लिखा कि यूज़र ऐप डिलीट नहीं कर सकता.
7B यूज़र के लिए नहीं, निर्माता कंपनियों के लिए है. इसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है. मेरा एकमात्र उद्देश्य जनता की सुरक्षा है. हम लोगों को इस कैंसर यानी साइबर फ्रॉड से बचाना चाहते हैं. अब फैसला करना है कि हम लोगों को ठगी से बचाएं या ठगी को चलने दें. जो फीडबैक आया है, उसके आधार पर हम नियम में संशोधन करने को तैयार हैं. मैंने संसद में कह दिया है, हम जिद्दी नहीं हैं.”
संसद में प्रधानमंत्री के साथ गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष की बैठक समाप्त हो गई है. लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक में पार्टी और सरकार के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. भाजपा संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. पीएम से बैठक खत्म होने के बाद अब वह गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की. सूत्रों के मुताबिक, बैठक को लेकर राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं.
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को लोकसभा में दो टूक कहा कि सरकार की साइबर सिक्योरिटी ऐप ‘संचार साथी’ से न तो जासूसी संभव है और न ही कभी जासूसी होगी. प्रश्न काल के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा ऐप को सभी नए स्मार्टफोन में पहले से इंस्टॉल करने के मंत्रालय के आदेश पर सवाल उठाए जाने के बाद सिंधिया ने कहा, 'संचार साथी ऐप से न स्नूपिंग संभव है, न स्नूपिंग होगा. यह ऐप जनता की सुरक्षा के लिए है, जासूसी के लिए नहीं. हम जनता के हाथ में ताकत देना चाहते हैं ताकि वह खुद अपनी सुरक्षा कर सके.'
संचार मंत्रालय ने 28 नवंबर को सभी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया था कि भारत में बिकने वाले सभी नए हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल (प्री-लोडेड) होनी चाहिए. साथ ही मौजूदा डिवाइस में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप अनिवार्य रूप से डाली जाए.
संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, वामदल समेत तमाम विपक्षी दलों ने एक स्वर में नई चार श्रम संहिताओं को “मजदूर-विरोधी, श्रमिक-विरोधी और पूंजीपति मित्रों की पक्षधर” करार दिया. सदन में नारेबाजी, तख्तियां और जोरदार प्रदर्शन के बीच विपक्ष ने संहिताओं को वापस लेने की मांग की.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि, 'ये नई संहिताएं नौकरी की सुरक्षा छीन रही हैं, काम के घंटे बढ़ा रही हैं, ट्रेड यूनियनों को कमजोर कर रही हैं और असंगठित व प्रवासी मजदूरों को पूरी तरह असुरक्षित छोड़ रही हैं.
1. नौकरी की सुरक्षा पर खतरा
- पहले 100 कर्मचारियों तक की फैक्ट्री को छंटनी के लिए सरकारी अनुमति लेनी पड़ती थी, अब यह सीमा बढ़ाकर 300 कर दी गई. इससे देश के 80% से ज्यादा कारखाने और इकाइयाँ बिना अनुमति के मनमाने ढंग से छंटनी कर सकेंगी.
- फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट (निश्चित अवधि का रोजगार) का अंधाधुंध विस्तार होने से स्थायी नौकरियाँ खत्म हो जाएंगी.
- ग्रेच्युटी, पेंशन जैसे लंबे लाभों से मजदूर वंचित हो जाएंगे.
2. काम के घंटे बढ़कर 12 तक हो सकते हैं
- कागज पर 8 घंटे का दिन कायम है, लेकिन राज्य सरकारों को 12 घंटे की शिफ्ट की छूट दे दी गई है.
- ओवरटाइम की सीमा भी राज्य तय करेंगे. विपक्ष का कहना है कि इससे मजदूरों की थकान, दुर्घटना और स्वास्थ्य जोखिम कई गुना बढ़ जाएगा.
3. ट्रेड यूनियन पर कुठाराघात
- हड़ताल करने से पहले 60 दिन का नोटिस और फिर 14 दिन का कूलिंग पीरियड अनिवार्य.
- 51% सदस्यता वाली एक ही यूनियन को बातचीत का अधिकार, छोटी यूनियनों को हाशिए पर.
- 50% मजदूर एक साथ छुट्टी लें तो उसे हड़ताल माना जाएगा, जिससे दमन का डर बढ़ेगा.
4. मध्यम इकाइयों में “हायर एंड फायर” को खुली छूट
- 300 से कम कर्मचारियों वाली इकाइयों में स्टैंडिंग ऑर्डर लागू नहीं होंगे.
- काम के घंटे, छुट्टी, बर्खास्तगी के नियम भी बाध्यकारी नहीं रहेंगे.
5. सुरक्षा और कल्याण व्यवस्था कमजोर
- फैक्ट्री की परिभाषा बदलकर छोटे कारखानों (20-40 कर्मचारी) को सुरक्षा कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया.
- बीड़ी मजदूर, पत्रकार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की विशेष सुरक्षा खत्म.
- फ्लोर वेज, सोशल सिक्योरिटी की सीमा अब सिर्फ नियमों में होगी, सरकार कभी भी नोटिफिकेशन से बदल सकेगी.
6. प्रवासी और असंगठित मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित
- विस्थापन भत्ता पूरी तरह खत्म, ₹18,000 मासिक आय की पुरानी सीमा बरकरार.
- आधार आधारित पंजीकरण से लाखों प्रवासी मजदूर सोशल सिक्योरिटी से बाहर हो जाएंगे.
7. अपराध को “जुर्माना देकर” वैध करने की छूट
- वेतन चोरी, सुरक्षा उल्लंघन जैसे अपराधों को पैसे देकर कंपाउंड कर लिया जाएगा. विपक्ष ने इसे “कानून तोड़ने की खरीद-फरोख्त” करार दिया.
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी अपने पालतू कुत्ते को गाड़ी में लेकर संसद भवन पहुंचीं थी, जिससे उठे विवाद ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी ने उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग की थी. रेणुका चौधरी की इस प्रतिक्रिया पर
गाजियाबाद से बीजेपी सांसद अतुल गर्ग ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है रेणुका चौधरी अपनी आवाजों के लिए पहले से फेमस रही हैं.
संसद भवन परिसर में अपनी गाड़ी में कुत्ता लाने के बाद कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी घिरती दिख रही हैं. सामने आया है कि राज्यसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस विवाद पर तंज कसते हुए कहा था कि लगता है कि आजकल चर्चा का विषय यही हो गया है. रेणुका चौधरी से जब बुधवार को संसद परिसर में ये सवाल पूछा गया
'आपके खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया जा रहा है तो उन्होंने कहा भौं भौं....' और इतना कह कर चली गईं.
संसद सत्र के तीसरे दिन के मौके पर पीएम मोदी ने बंगाल के बीजेपी सांसदों से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक पीएम ने सांसदों से कहा कि हमें कड़ी मेहनत करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि हम पश्चिम बंगाल में यह चुनाव जीतें. आप लोग बहुत आगे बढ़ चुके हैं बंगाल में इस सत्ता के खिलाफ लड़ाई को जारी रखना होगा.
लोकसभा में बुधवार को शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार बिना किसी व्यवधान के प्रश्न काल चला शुरू हुआ. इससे एक दिन पहले ही विपक्ष की एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा की मांग के कारण चल रहा गतिरोध खत्म हो गया था. मंगलवार शाम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया था कि अगले सोमवार को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा होगी.
अगले मंगलवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी.
इस सहमति के बाद बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सबसे पहले हाल में दिवंगत हुए पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद बिना किसी हंगामे के प्रश्न काल शुरू हुआ और सुचारु रूप से चला. गौरतलब है कि सत्र के पहले दो दिन (सोमवार और मंगलवार) विपक्षी सदस्य नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर लगातार हंगामा कर रहे थे, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी थी. अब एसआईआर समेत अन्य मुद्दों पर तय समय-सीमा में चर्चा होने की सहमति बनने से सदन में सामान्य कार्यवाही बहाल हो गई है.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सत्र के तीसरे दिन संसद पहुंचीं. इस दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "हमें प्रदूषण जैसी अन्य चीजों पर भी चर्चा करनी चाहिए. हमें कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करनी चाहिए जो महत्वपूर्ण हैं. " वायु प्रदूषण के विरोध में विपक्षी सांसदों ने गैस मास्क पहनकर संसद भवन में प्रवेश किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा बुधवार को दिल्ली के खतरनाक प्रदूषण के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराते हुए मास्क लगाकर संसद भवन पहुंचे. इससे पहले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी आजतक से बातचीत में कहा दिल्ली की हवा बहुत जहरीली हो गई है. विरोध स्वरूप वह भी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर संसद पहुंचे.

कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर ने कहा, 'हम चाहते हैं कि संसद सुचारु रूप से चले और चर्चाएं हों. हम एसआईआर (SIR) पर चर्चा चाहते हैं, जो लोकतंत्र पर हमला है, 'वोट चोरी' पर चर्चा चाहते हैं, जहां चुनाव आयोग खुद एजेंट बन गया है. जिन 12 राज्यों में एसआईआर हो रहा है, वहां बीएलओ मर रहे हैं, आत्महत्याएं हो रही हैं. फिर दिल्ली ब्लास्ट, आंतरिक सुरक्षा, दिल्ली प्रदूषण जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें हम उठाना चाहते हैं...'
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संसद सत्र की तीसरी दिन का कार्यवाही शुरू होने से पहले तल्ख तेवर दिखाए हैं. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, ' जिनके पुरखों ने देश के साथ गद्दारी की, क्रांतिकारियों के खिलाफ मुखबिरी की. तिरंगे का विरोध किया. 52 साल तक RSS ने तिरंगा झंडा नहीं फहराया. वो सदन में 'वंदेमातरम्' पर चर्चा चाहते हैं. हम तैयार हैं. लेकिन जिस SIR में मोदी सरकार ने 30 BLOs की हत्या की पहले उस पर बात करो.'
आप सांसद की इस पोस्ट के बाद संसद सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहने के आसार हैं. SIR का मुद्दा आज भी गरमा सकता है.