पश्चिम सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान शुरू हुई एक सोशल मीडिया फ्रेंडशिप ने एक युवती को ऐसे जाल में फंसा दिया, जिससे निकलने में उसे पुलिस की मदद लेनी पड़ी. आरोप है कि औरंगाबाद (बिहार) का रहने वाला मो शमसेर अली उर्फ मो शमसेर आलम फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के जरिये पीड़िता से संपर्क में आया और धीरे-धीरे उसे भावनात्मक रूप से फंसाता चला गया.
शमसेर ने न सिर्फ युवती से शादी का वादा किया, बल्कि बार-बार दहेज की मांग भी रखी. जब मांग पूरी नहीं हुई, तो उसने शादी से साफ इनकार कर दिया. इस बीच उसके भाई निसार अली ने उसकी शादी बिहार की एक अन्य लड़की से करा दी, जिसकी जानकारी भी उसने पीड़िता से छुपाए रखी.
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इसी दौरान आरोपी ने युवती के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो हासिल कर लिए. इसके बाद उसने वही फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए 5 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी. रुपये न देने पर लगातार धमकी देकर तस्वीरें फैलाता रहा, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गई.
पीड़िता ने दर्ज कराई शिकायत तो पुलिस ने लिया एक्शन
पीड़िता ने साहस दिखाते हुए जगन्नाथपुर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना कांड संख्या 73/25 दर्ज कर जांच तेज की गई. एसपी पश्चिम सिंहभूम के निर्देश पर एसडीपीओ जगन्नाथपुर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया और तकनीकी इनपुट के आधार पर बिहार के औरंगाबाद जिले के कासमा थाना क्षेत्र में छापेमारी की गई.
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पुलिस की त्वरित कार्रवाई में 08 दिसंबर को आरोपी मो शमसेर अली को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके मोबाइल फोन से युवती के आपत्तिजनक फोटो और चैट्स बरामद किए गए, जिन्हें पुलिस ने विधिवत जब्त किया. आरोपी के भाई निसार अली की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
चाईबासा कोर्ट ने आरोपी को जेल भेजा
एसडीपीओ रफाएल मुर्मू, निरीक्षक बासुदेव मुंडा, थाना प्रभारी अविनाश हेम्ब्रम और तकनीकी शाखा की टीम ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आरोपी को चाईबासा न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी साइबर अपराध या ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग की सूचना मिलते ही 112, 1930 या साइबर कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराएं और निजी डेटा किसी के साथ साझा करने से बचें.