जालौन के चर्चित कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. इस केस में आरोपी बनाए गए महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा को रविवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. पुलिस ने उसकी भूमिका पर लगातार सवाल उठने के बाद कार्रवाई तेज की और उसे हिरासत में लिया.
घटना 8 फरवरी की रात हुई, जब अचानक थाना परिसर में महिला कॉन्स्टेबल चीखती हुई इंस्पेक्टर के सरकारी आवास से बाहर आई और उसने गोली चलने की सूचना दी. इसके कुछ ही देर बाद वह थाने से गायब हो गई. इस दौरान सामने आए सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई देता है कि वह तेज चीखते हुए आवास से बाहर निकलती है और फिर मौके से दूर चली जाती है. उसके इस व्यवहार ने पुलिस को शक में डाल दिया और जांच का दायरा उसी के इर्द-गिर्द सिमटने लगा.
महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक महिला कॉन्स्टेबल वर्ष 2024 से ही इंस्पेक्टर अरुण राय के संपर्क में थी और समय के साथ दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं. विभागीय सूत्रों का कहना है कि मीनाक्षी शर्मा मूल रूप से मेरठ के फलावदा थाना क्षेत्र के अहमदपुर उर्फ दांदूपुर गांव की रहने वाली है. शुरुआत से उसका स्वभाव तेजतर्रार था और गांव के लोग भी उससे दूरी बनाकर रखते थे.
2018 में पुलिस नौकरी में आने के बाद उसका रवैया और आक्रामक हो गया. विभाग में कई लोगों को वह परेशान करने लगी. आरोप है कि वह ब्लैकमेलिंग करके पैसे मांगती थी. चूंकि वह पुलिस में थी, इसलिए शिकायतें बाहर नहीं आ पाती थीं. 2022 में पीलीभीत के पूरनपुर थाने में पोस्टिंग के दौरान भी उसने एक सिपाही को अपने प्रेमजाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया था. इसके बाद बरेली और फिर जालौन में भी इसी तरह की शिकायतें उठती रहीं.
पूछताछ में महिला कॉन्स्टेबल ने बड़े खुलासे
2023 में जालौन आने के बाद उसका कोंच कोतवाली में प्रभाव और भी बढ़ गया. उस समय अरुण राय कोंच कोतवाली में तैनात थे. उनके संपर्क में आने के बाद मीनाक्षी का दबदबा इतना बढ़ गया कि वह थाने में ड्यूटी किसकी लगेगी, यह तक तय करने लगी थी. सूत्रों का कहना है कि वह बिना वर्दी के ड्यूटी पर आना अपना नियम बना चुकी थी. ब्रांडेड कपड़े, महंगे जूते और हाई-एंड मोबाइल उसके शौक बन चुके थे.
जब उसकी गतिविधियों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची तो उसे 112 में अटैच कर दिया गया और अरुण राय को पूरा चार्ज दे दिया गया. लेकिन मीनाक्षी का उनसे मिलना-जुलना जारी रहा. यहां तक कि जब इंस्पेक्टर अरुण राय को उरई कोतवाली से ट्रांसफर कर कुठौंद थाने का चार्ज दिया गया, तब भी मीनाक्षी का वहां आना-जाना लगा रहा.
8 फरवरी 2026 को मीनाक्षी की शादी तय हुई थी
मौत वाली रात भी मीनाक्षी कुठौंद थाना परिसर में बनी सरकारी आवास में मौजूद थी. फुटेज में दिखा कि वह आवास से चीखते हुए बाहर निकली, थाने में जाकर गोली चलने की बात कही और फिर अचानक वहां से गायब हो गई. पुलिस को यह व्यवहार संदिग्ध लगा. अगले दिन इंस्पेक्टर अरुण राय की पत्नी ने पुलिस में तहरीर दी और मीनाक्षी को आरोपी बताया. इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की.
सूत्रों के मुताबिक मीनाक्षी की शादी 8 फरवरी 2026 को तय हुई थी. आरोप है कि वह पूरी शादी का खर्चा इंस्पेक्टर अरुण राय से उठाने के लिए दबाव बना रही थी. इस बात को लेकर दोनों के बीच अनबन भी चल रही थी. मौत से पहले वह 11 दिनों से नौकरी से गायब थी लेकिन घटना वाले दिन वह थाने के सरकारी आवास पर मौजूद दिखी. यह भी पुलिस के शक को मजबूत करने वाला पहलू बना.
रविवार को गिरफ्तारी के बाद जब उसे जेल ले जाया जा रहा था, तब उसके पिता ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि वह जल्द कोर्ट से छूट जाएगी. इस घटना के बाद जिले में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि मीनाक्षी के कई दारोगा और सिपाहियों से संबंध थे और वह उन्हें ब्लैकमेल करती थी.
पुलिस ने एसआईटी टीम का गठन किया
इस पूरे मामले की जांच तीन सदस्यीय एसआईटी कर रही है. टीम सभी एंगल से जांच कर रही है. अब मामले में अगला कदम पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज पर आधारित होगा. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी.