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कोरोना का असर: गणपति उत्सव के आयोजन पर मुंबई के मंडल एकमत नहीं

86 साल में पहली बार मंडल गणेश प्रतिमा स्थापित नहीं करेगा. इसके बजाय मंडल ने दस दिनों के लिए रक्तदान शिविर और प्लाज्मा थेरेपी शिविर लगाने का फैसला किया है. लालबाग का राजा मंडल 25 लाख रुपए सीएम राहत कोष में दान करेगा. मंडल की ओर से गलवान घाटी के शहीदों के परिवारों को सम्मान दिया जाएगा.

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मुंबई में गणपति उत्सव
मुंबई में गणपति उत्सव

  • गणपति उत्सव नहीं मनाने का फैसला
  • कई गणपति मंडलों की अलग-अलग राय

कोरोना वायरस महामारी के असर से इस साल गणपति उत्सव भी अछूता नहीं रहता दिख रहा. मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति मंडल ‘लालबाग के राजा’ ने गणपति उत्सव नहीं मनाने का जो फैसला किया, उससे महानगर के कई गणपति मंडल अलग राय रखते हैं.

मुंबई के सभी गणपति मंडलों के संगठन बृहन्मुंबई सर्वजन गणेशोत्सव समिति (BSGSS) ने लालबाग के राजा मंडल के फैसले का हालांकि स्वागत किया है, लेकिन साथ ही मंडल से अपील की है कि वे अभी भी गणपति की छोटी मूर्ति स्थापित करने पर विचार करे, जिससे परम्परा न टूटे. मुंबई के गणपति उत्सव की दुनिया भर में प्रसिद्धि है. हर साल लाखों श्रद्धालु इस उत्सव में हिस्सा लेते हैं. शहर के प्रसिद्ध गणपति मंडलों में लालबाग के राजा मंडल को भव्य आयोजन के लिए पूरे देश में जाना जाता है. बॉलीवुड स्टार्स, राजनेताओं, कारोबारी दिग्गजों से लेकर तमाम हस्तियां लालबाग के राजा गणपति से आशीर्वाद लेने आती हैं. इस साल मंडल ने कोरोनावायरस संकट को देखते हुए गणपति उत्सव की जगह आरोग्य उत्सव मनाने का फैसला किया है.

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86 साल में पहली बार मंडल गणेश प्रतिमा स्थापित नहीं करेगा. इसके बजाय मंडल ने दस दिनों के लिए रक्तदान शिविर और प्लाज्मा थेरेपी शिविर लगाने का फैसला किया है. लालबाग का राजा मंडल 25 लाख रुपए सीएम राहत कोष में दान करेगा. मंडल की ओर से गलवान घाटी के शहीदों के परिवारों को सम्मान दिया जाएगा. इसके अलावा कोरोना से लड़ाई के दौरान जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई, उनके परिवारों का भी सम्मान किया जाएगा.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक ट्वीट में लालबाग के राजा मंडल के फैसले की सराहना की. उन्होंने ट्वीट में कहा- 'लालबाग के राजा सर्वजन गणेश उत्सव मंडल ने इस साल त्योहार मनाने की बजाय आरोग्य उत्सव मनाने का फैसला किया है. मंडल ने हमेशा लोगों के लिए मिसाल कायम की है. यह फैसला कोरोना के खिलाफ राज्य की लड़ाई को मजबूत करेगा.' हालांकि मुंबई के सभी गणेश मंडलों के संगठन BSGSS ने लाल बाग के राजा मंडल को पत्र भेज कर अपने फैसले पर दोबारा विचार के लिए कहा है.

मराठी में भेजे पत्र में संगठन ने कहा है, “हम मंडल (लालबाग के राजा) के फैसले का स्वागत करते हैं. हम इसके खिलाफ नहीं हैं. हालांकि हमें परंपरा के साथ चलते रहना होगा. महाराष्ट्र के सीएम ने खुद कहा है कि गणपति की ऊंचाई छोटी होनी चाहिए और लाइव टेलीकास्ट होना चाहिए. कई अन्य मंडल ऐसा ही करेंगे जिससे भक्तों की आस्था बनी रहे और परम्परा भी न टूटे. लालबाग के राजा मंडल इसके लिए कोई समाधान निकालने बारे में सोच सकते हैं.’’

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BSGSS के प्रमुख और पेशे से वकील नरेश दहियावकर ने कहा, ‘’गणपति उत्सव के दौरान मुंबई की सड़कों पर भारी भीड़ होती है, हालांकि इस साल मुंबई में कोरोना का खौफ है. हमने त्योहार बहुत सीमित स्तर में मनाने का फैसला किया है. हम लोगों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं. कल लालबाग के राजा मंडल ने त्योहार नहीं मनाने का फैसला किया है, मैं मंडल से अपील करता हूं. महाराष्ट्र के सीएम ने मंडलों से मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट रखने की अपील की और सभी मंडल इसका पालन करेंगे. हमें अपनी परंपरा को बंद नहीं करना चाहिए. अगले साल हम त्योहार को बड़े पैमाने पर मनाएंगे.’’

इस बीच, मुंबई के एक अन्य प्रसिद्ध गणपति मंडल, GSB सायन, ने विशेष छूट की मांग की है. यह मुंबई का सबसे धनी गणपति मंडल माना जाता है. मंडल की ओर से कहा गया है वे गणपति की ऊंचाई को कम नहीं कर सकते क्योंकि यह मूल रूप में है. गणपति की मूल ऊंचाई 12 फीट है. GSB सेवा मंडल सायन के ट्रस्टी आर जी भट ने कहा, “हमने उत्सव मनाने का फैसला किया है, लेकिन हम सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करेंगे. हालांकि हमारी मूर्ति को कई गहने पहनाने पड़ते हैं. इसलिए हम कुछ छूट की उम्मीद कर रहे हैं. हमारी गणपति की मूर्ति भी रेत से बनी इको फ्रेंडली है. हम मंडल में ही विसर्जन करेंगे और मंडल के अंदर भक्तों को नहीं जाने देंगे. उन्हें घर पर ही लाइव टेलीकास्ट देखने को मिलेगा.’’ त्योहार को अब दो महीने का ही वक्त बचा है. देखना अहम होगा कि इस बार मंडल किस तरह सब नियमों का पालन करते हुए उत्सव को मनाते हैं.

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