अयोध्या रामजन्मभूमि का मसला सुलझ गया है, लेकिन अब साईं बाबा की जन्मभूमि का पेंच फंस गया है. महाराष्ट्र के पाथरी गांव के लोगों का दावा है कि साईं का जन्म पाथरी में हुआ था.
हालांकि शिरडी के लोगों का कहना है कि साईं बाबा का जन्म शिरडी में ही हुआ था. दोनों गांवों के बीच साईं जन्मभूमि का विवाद अब हाई कोर्ट में सुलझाया जाएगा.
पाथरी गांव के लोग बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में याचिका दाखिल करेंगे. इस दौरान ग्रामीण 26 सबूत पेश करेंगे.
साईं बाबा जन्मभूमि विवाद को लेकर पाथरी साईं मंदिर देवस्थान की कृति समिति ने इस मामले में हाई कोर्ट में जाने की घोषणा की है.
पाथरी साईं मंदिर देवस्थान के ट्रस्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक बाबा जानी दुर्रानी हैं, जिन्होंने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि साईं मंदिर देवस्थान की शुरुआत से लड़ाई रही है कि साईं बाबा की जन्मभूमि पाथरी है.
अब तक नहीं मिला निमंत्रण
पाथरी को साईं जन्मभूमि कहकर ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यहां के लिए 100 करोड़ रुपये का विकास निधि मंजूर किया था, लेकिन अब इस मामले के उनसे बातचीत करने के लिए समय निमंत्रण नहीं मिला है.
इसे भी पढ़ें--- साईं जन्मभूमि पर उद्धव के बयान से बवाल बढ़ा, शिरडी में आज बंद का ऐलान
देवस्थान के जानी ट्रस्टी दुरानी ने कहा कि पाथरी साईं देवस्थान के पास जो 29 डॉक्यूमेंट है वो यह साबित करने के लिए काफी है कि पाथरी ही साईं बाबा की जन्मस्थली है.
इसे भी पढ़ें--- शिरडी में अनिश्चितकालीन बंद, क्या है साईं जन्मभूमि पर बवाल की असली वजह?
उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अभी तक इस संबंध में बातचीत के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है. परभणी के शिवसेना सांसद संजय जाधव ने इस संबंध में कोशिश की है कि मुख्यमंत्री से निमंत्रण लाने की लेकिन असफल रहे. इसलिए अब पाथरी साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट की कृति समिति ने यह निर्णय लिया है कि साईं जन्मस्थल को लेकर पाथरी साई मंदिर ट्रस्ट अदालत में जाएगा.