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फायर ऑडिट रिपोर्ट देने में टालमटोल कर रहा है मुंबई फायर ब्रिगेड

आरटीआई कार्यकर्ता ने फायर ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी के लिए आरटीआई दायर की थी. लेकिन करीब एक साल के बाद भी यह जानकारी साझा नहीं की गई. इसे लेकर फायर ब्रिगेड पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मांगी थी जानकारी (फोटो-प्रतीकात्मक)
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मांगी थी जानकारी (फोटो-प्रतीकात्मक)

मुंबई में आग की घटनाओं में बढ़ोतरी होने के बाद भी मुंबई फायर ब्रिगेड फायर ऑडिट को लेकर गंभीर नहीं हैं. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई की फायर ऑडिट हुई बिल्डिंगों की जानकारी मांगी थी. इसकी सीधी और स्पष्ट जानकारी देने में फायर ब्रिगेड टालमटोल कर रहा है. अनिल गलगली ने बीते 13 अप्रैल 2018 को इसे लेकर शिकायत भी की थी. इसे मुंबई फायर ब्रिगेड ने नजरअंदाज कर रहा है. अनिल गलगली ने कहा कि फायर ऑडिट की जानकारी सार्वजनिक करना समय की जरुरत है और इसे न बताकर फायर ब्रिगेड मुंबईकर की जान से खेल रहा है.

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई फायर की हद में फायर ऑडिट अंतर्गत कुल बिल्डिंगों की संख्या, बिल्डिंग का प्रकार, वॉर्ड का नाम, कुल फायर ऑडिट हुए बिल्डिंग की संख्या और फायर ऑडिट न हुए बिल्डिंग की संख्या की जानकारी 1 जनवरी 2018 को आरटीआई के जरिए मांगी थी. गलगली का कहना है कि विभागीय अग्निशमन अधिकारी एसडी सावंत ने जानबूझकर जानकारी देने से टालमटोल किया. महाराष्ट्र अग्निप्रतिबंधक व जीवसरंक्षक उपाययोजना अधिनियम 2006 के तहत बिल्डिंग का मालिक /निवासी /हौसिंग सोसायटी ने उनकी बिल्डिंग की फायर ऑडिट लाइसेंस धारक अग्निशमन यंत्रणा के जरिए कर लेना और उसकी रिपोर्ट मुंबई अग्निशमन दल के कार्यालय में पंजीकृत करना या बृहन्मुंबई महानगरपालिका के वेबसाइट पर अपलोड करना जरूरी है. लेकिन कितने रिपोर्ट प्राप्त हुआ और कितनों ने अपलोड किया हैं, इसकी जानकारी नहीं है.  

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मुंबई में 34 अग्निशमन केंद्र की हद में नामनिर्देशित अधिकारी को बिल्डिंग की जांच करने का अधिकार होते हुए फायर ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी अग्निशमन दल क्यों नहीं दे रहा हैं? यह सवाल करते हुए अनिल गलगली ने अग्निशमन दल की इस टालमटोल की शिकायत मनपा आयुक्त अजोय मेहता से की है. मुंबई में जब आग की घटना होती हैं तब अग्निशमन दल द्वारा फायर ऑडिट की ओर बरती लापरवाही भी उतनी ही जिम्मेदार होती है, यह साबित हो चुका है.

फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट के सूत्रो की अगर माने तो यह जानकारी अभी तक तकनीकी कारणों से ऑनलाईन नहीं की गई है, लेकिन मुंबई के हर फायर ऑफिस में उनके इलाके की जानकारी उपलब्ध है. फायर डिपार्टमेंट हमेशा ऑडिट करता रहता है, अगर ऑडिट करते वक्त बिल्डिंग, होटल के फायर सिस्टम में कमी पाई जाती है तो ज्यादा से ज्य़ादा 120 दिन का मोहलत उन्हें दी जाती है, लेकिन उसके बाद भी अगर यह कमियां दूर नहीं की जाती तो फायर डिपार्टमेंट बीएमसी के लीगल डिपार्टमेंट को यह केस प्रोसिक्यूशन के लिए रिफर करता है.

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