महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच कुर्सी की सियासत चरम पर है. शिवसेना जहां सरकार में मुख्यमंत्री का पद चाहती है वहीं भारतीय जनता पार्टी ने साफ किया है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद देवेंद्र फडणवीस के पास ही रहेगा.
इस बीच, दोनों पार्टियां निर्दलीय विधायकों को साधने की कोशिश में जुटी हुई हैं. इसी के तहत महाराष्ट्र में दो निर्दलीय विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया है. निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल और महेश बालदी ने देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी को अअपना समर्थन दे दिया है. देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर दोनों नव निर्वाचित विधायकों बीजेपी के प्रति अपना समर्थन जताया है.
इससे पहले, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के नेवासा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक शंकर राव गड़ाख ने सोमवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर उन्हें समर्थन पत्र भी सौंप दिया. शंकर राव के समर्थन के साथ शिवसेना के पास अब 61 विधायकों का समर्थन है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं उसे अब 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है.Maharashtra: Two independent MLAs, Vinod Agrawal and Mahesh Baldi extend their support to Devendra Fadnavis & BJP. pic.twitter.com/kZTym4RaUO
— ANI (@ANI) October 29, 2019
बीजेपी बैकफुट पर आने को तैयार नहीं
महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने में पेच फंसने पर भी बीजेपी बैकफुट पर आने को तैयार नहीं है. सभी निर्दलीय विधायकों को अपने साथ खड़ा कर बीजेपी शिवसेना पर दबाव बनाने में जुटी है. ठाकरे घराने से किसी सदस्य के तौर पर पहली बार चुनाव लड़कर आदित्य ठाकरे के जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना की निगाह गड़ने पर भाजपा ने साफ कर दिया है कि यह पद उसे नहीं मिलने वाला.
बीजेपी का कहना है कि उसे 15 निर्दलीयों का भी समर्थन मिला है. छोटे दलों के कुछ और भी विधायक संपर्क में हैं. इस प्रकार वह 2014 की तरह ही संख्याबल के आधार पर मजबूत स्थिति में है. कुल मिलाकर बीजेपी, शिवसेना को संदेश देने की कोशिश में है कि वह इस चुनाव में किसी तरह से कमजोर नहीं हुई है.