27 नवंबर, 2019 सुबह 8 बजे: देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने फिर ली शपथ
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ है वह अपने आप में ऐतिहासिक है. शनिवार को जब देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने अचानक शपथ ली तो हर कोई हैरान रह गया था, क्योंकि किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था. लेकिन तीन में ही दोनों को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन चौथे दिन दोनों नेताओं ने फिर एकबार शपथ ली, हालांकि इस पार सिर्फ विधायक पद की शपथ ली.
23 नवंबर, 2019 सुबह 8 बजे:
अखबारों की हेडलाइन में लिखा हुआ था कि उद्धव ठाकरे नए मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन टीवी पर लाइव तस्वीरें कुछ अलग ही थीं. शनिवार की सुबह करीब 8 बजे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. अजित पवार ने दावा किया था कि उनके पास एनसीपी विधायकों का समर्थन है, यही कारण है कि बीजेपी ने उनके साथ मिलकर सरकार बना ली. हालांकि, ये गठबंधन साढ़े तीन ही चल सका और दोनों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
27 नवंबर, 2019 सुबह 8 बजे:
ठीक चार दिन बाद सुबह आठ बजे टीवी पर एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शपथ लेते हुए दिखाई दिए. लेकिन इस बार वजह कुछ और थी. दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह आठ बजे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, जिसमें विधायकों की शपथ चल रही थी. इसी दौरान पहले देवेंद्र फडणवीस ने विधायक पद की शपथ ली और कुछ ही देर में अजित पवार ने भी शपथ ली.
चार दिन में क्या बदल गया?
इन चार दिनों में काफी कुछ बदल गया था, पहले जो अजित पवार विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे अब उनके साथ कोई विधायक नहीं था. एनसीपी नेताओं ने इस दौरान कई बार अजित पवार से मुलाकात की और उन्हें मनाने की कोशिश की, जिसके बाद मंगलवार रात को अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार, बहन सुप्रिया सुले से मुलाकात की और आखिरकार उनकी घर वापसी हो गई.
गौरतलब है कि बुधवार को ही सभी 288 विधायक शपथ ले लेंगे. वहीं उद्धव ठाकरे गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उद्धव के साथ कुछ और मंत्री भी शपथ लेंगे.