मुंबई में ट्रेन से गिरकर 16 साल की एक लड़की के दोनों हाथ कट गए, मगर रेलवे प्रशासन जिम्मेदारी लेने से बच रहा है. रेलवे प्रशासन लड़की को इस हादसे का दोषी ठहरा रहा है तो लड़की के परिजनों ने रेलवे के रवैये की शिकायत महिला आयोग से की है.
एक अस्पताल में चार दिनों से भर्ती मोनिका मोरे की जिंदगी अब बदल चुकी है. पिछले शनिवार को वह घाटकोपर स्टेशन पर ट्रेन पकड़ते वक्त प्लेटफार्म पर गिर गई और उसके दोनों हाथ ट्रेन के नीचे आकर कट गए. मोनिका के साथ-साथ उसका पूरा परिवार सदमे में है.
रेलवे प्रशासन ने कहा है कि मोनिका ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ रही थी. यदि वह न दौड़ती तो हादसा भी नहीं होता. ऐसे में रेलवे का कोई कसूर नहीं है, तो मुआवजे की बात भी नहीं बनती.
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि मोनिका जब ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रही थी तो वहां बहुत भीड़ थी. ट्रेन जब चलने लगी तो उसने उसी डिब्बे के आगे के दरवाजे से चढ़ने की कोशिश की. इसके बाद की फुटेज कैमरे में कैद नहीं हो पाई.
बताया जा रहा है कि प्लेटफार्म के पास सिग्नल और ट्रैक का काम शुरू किया गया लेकिन उसे अधूरा ही छोड़ दिया गया.
लेकिन अधूरे प्लेटफार्म के पास सूचना देने के लिए कोई बोर्ड नहीं लगाया गया था. ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. बीजेपी नेता किरिट सोमैया ने इस मामले में कहा कि मोनिका को न्याय मिलना चाहिए और रेलवे अधिकारियों को सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि प्लेटफार्म पर काम अधूरा था.
मोनिका के पिता अशोक मोरे और उसकी स्कूल टीचर विद्या भी सदमे में हैं. उनका कहना है कि मोनिका को न्याय मिलना ही चाहिए. उधर, महाराष्ट्र महिला आयोग की चेयरपर्सन सुशी शाह ने परिवार को पूरी मदद देने का वादा किया है.