झारखंड विधानसभा में हैरान करने वाली स्थिति देखने को मिली जब सत्ता पक्ष के दो मंत्री आपस में ही भिड़ गए. आमतौर पर विपक्ष और सरकार के बीच बहस होती है, लेकिन इस बार संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई.
सुदिव्य सोनू को संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया है, क्योंकि राधा कृष्ण किशोर अस्वस्थ हैं. सदन में उस समय अजीब माहौल बन गया जब सुदिव्य सोनू ने अपने ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को आड़े हाथों ले लिया. यह विवाद तब हुआ जब इरफान अंसारी कांग्रेस नेता प्रदीप यादव के सवाल पर व्यंग्यपूर्ण जवाब दे रहे थे.
गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज पर बहस
कांग्रेस नेता प्रदीप यादव ने गोड्डा जिले में सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने को लेकर सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि वहां एक भी सरकारी नर्सिंग कॉलेज नहीं है. इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार जल्द ही गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज की सौगात देगी.
इस पर प्रदीप यादव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सौगात देने की बात छोड़िए, यह बताइए कि पहले से बना कॉलेज भवन कब शुरू होगा? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मंत्री को पता है कि यह भवन कब बना? इस पर इरफान अंसारी नाराज हो गए और बोले कि प्रदीप यादव खुद भी जानते होंगे, क्योंकि वे वहीं के विधायक हैं. उन्होंने व्यंग्य करते हुए यह भी कह दिया कि हो सकता है कि भवन उन्हीं ने बनवाया हो.
संसदीय कार्य मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को टोका
प्रदीप यादव और इरफान अंसारी के बीच हो रही बहस के दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य सोनू ने हस्तक्षेप किया और कहा कि सवाल और जवाब सीधे होने चाहिए, कटाक्ष नहीं किया जाना चाहिए. मर्यादा बनाए रखना जरूरी है. इस पर इरफान अंसारी भड़क गए और बोले कि सुदिव्य सोनू को हर मुद्दे में टांग अड़ाने की आदत है. जवाब में सुदिव्य सोनू ने कहा कि विधानसभा किसी की निजी संपत्ति नहीं है.
विपक्ष ने कसा तंज
विपक्ष ने इस विवाद पर चुटकी लेते हुए कहा कि इरफान अंसारी अब ऐसा ढोल बन चुके हैं, जिसे विपक्ष पहले से ही बजा रहा था, लेकिन अब सत्ता पक्ष के नेता भी उसे ठोक-पीटकर बजाने लगे हैं. विपक्ष ने यह भी कहा कि इरफान हेमंत सरकार के लिए बोझ बन चुके हैं.
हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफ़ीजुल ने मजाकिया लहजे में कहा कि जब घर में मेहमान आएं और उनसे बचना हो, तो आपस में लड़ाई कर लो ताकि मेहमान खुद ही चले जाएं. उन्होंने इसे सरकार की सोची-समझी रणनीति बताया ताकि बीजेपी सदन में हावी न हो सके.
बीजेपी विधायक राज सिंहा ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों में भारी नाराजगी है, जबकि कांग्रेस सचेतक अनूप सिंह ने इसे सामान्य घटना बताते हुए कहा कि इसमें कोई टकराव नहीं है.