ऑपरेशन ऑलआउट के तहत कश्मीर में सुरक्षाबल जहां लगातार आतंकवादियों को ढेर करने में जुटे हुए हैं तो वहीं आतंकी संगठन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई घाटी के भोले-भाले युवाओं को बरगला कर आतंकी भर्ती करने में जुटा है.
सुरक्षा सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि आतंकी कश्मीर के साथ-साथ अब जम्मू रीजन से भी युवाओं को बरगलाकर आतंक की राह पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि हाल के कुछ महीनों में जम्मू के 6 युवाओं को आतंक की राह पकड़ाने में आतंक के आका और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कामयाब रही है.
सूत्रों की मानें तो इस साल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन कश्मीर के 178 लोकल युवाओं को बरगलाकर उनको आतंकी तंजीमों में शामिल कराने में कामयाब रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक 2017 में 128 लोकल युवाओं को आतंकी तंजीमों में शामिल कराने में आतंक के आका सफल रहे थे. अक्टूबर के महीने में सबसे ज्यादा 33 लोकल युवाओं ने आतंक की राह चुनी.
पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठकर आतंक के आका सोशल मीडिया और दूसरे अन्य माध्यमों से कश्मीरी युवाओं को बरगला कर उनको आतंक की राह में झोंकने की कोशिश में लगे रहते हैं. पर उनके इन मंसूबों को हमारी सुरक्षा एजेंसियां कामयाब नहीं होने दे रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस साल अक्टूबर और नवंबर के महीने में आतंकी हैंडलर्स ने सबसे ज्यादा कश्मीर के स्थानीय युवाओं को भटकाकर आतंक की राह पकड़ाई है. अक्टूबर के महीने में 33 स्थानीय युवाओं को आतंक की राह आतंकियों ने दिखाई है. वहीं, अगर सूत्रों की मानें तो पिछले साल अक्टूबर के महीने में मात्र 10 स्थानीय कश्मीरी युवाओं को आतंक की राह पकड़ाने में आतंकी कामयाब हो सके थे.
आपको बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को कुछ महीने पहले एक रिपोर्ट दी थी जिसमें कहा गया था कि आतंकी हाफिज सईद और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई किस तरीके से जम्मू में ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) तैयार कर रहा है. सूत्रों ने ये भी जानकारी दी कि लश्कर का सबसे बड़ा कमांडर "सैफुल्ला साज़िद जट्ट" को हाफिज़ सईद ने जम्मू के पुंछ में ओवर ग्राउंड वर्कर का नेटवर्क तैयार करने का काम दिया है.
इसका एक इनटरसेप्ट भी सुरक्षाबलों को मिला था जिसमें खुलासा हुआ था कि LeT के PoK में मौजूद कमांडर पुंछ में आतंकियों के परिवार वालों को पैसे देकर उनको लुभा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक लश्कर आतंकियों के परिवार वालों को पैसा देकर उनके जरिये जम्मू से आतंक में शामिल करने के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने का काम दिया था.
यही नहीं, लश्कर के साथ-साथ हिजबुल के चीफ सैय्यद सलाउद्दीन ने भी एक कमांडर को आतंक की भर्ती करने के लिए जम्मू के डोडा और किश्तवाड़ में आतंक की भर्ती का टास्क दिया है. खुफिया सूत्रों ने यह भी जानकारी दी थी कि जम्मू के इलाके में ओवर ग्राउंड वर्कर (OGWs) तैयार करने के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का मकसद है कि वह इस इलाके में भी अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकें.
पिछले एक सप्ताह में कश्मीर में 21 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है. आतंकियों की भर्ती करने की भले ही कोशिश बड़े स्तर पर आतंक के आका जम्मू क्षेत्र में कर रहे हों पर आतंकियों के खिलाफ जो ऑपरेशन चल रहा है उसमें लगातार आतंकी ढेर हो रहे हैं.
कश्मीर घाटी में एक तरफ युवाओं को बरगला कर भर्ती करने की कोशिश की जा रही है वहीं दूसरी तरफ सुरक्षाबल इन आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन भी कर रही हैं. हालांकि, इनको मौका भी दिया जाता है कि यह मुख्यधारा से जुड़ जाएं लेकिन यह आतंकी मुख्यधारा से जुड़ने के बजाय वह पाकिस्तान का पिछलग्गू बनकर काम करने में लगे हुए हैं.
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस एक सप्ताह के भीतर 21 आतंकवादियों को ढेर किया गया है वहीं इस नवंबर की बात करें तो 40 आतंकवादी मारे गए हैं. आज भी सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में ढेर किया है. हालांकि, सुरक्षाबल लोकल भटके हुए युवाओं को मौका भी देते हैं कि वह आतंक की राह छोड़कर मुख्यधारा में आए पर यह आतंकी उसको सुनने के लिए राजी नहीं है.