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जम्मू में भारी बारिश से रेल यातायात ठप, फंसे यात्रियों को भोजन-पानी और ठहरने की मिली सुविधा

जम्मू संभाग में भारी बारिश के कारण रेल सेवाएं प्रभावित हुईं और 18 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं. इस दौरान रेलवे ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए यात्रियों को भोजन, पानी और ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई. स्थानीय समाज और एनजीओ के सहयोग से कई स्टेशनों पर यात्रियों को मदद दी गई.

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भारी बारिश से 18 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है- (File Photo: ITG)
भारी बारिश से 18 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है- (File Photo: ITG)

जम्मू क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने रेल यातायात को बुरी तरह प्रभावित कर दिया. नॉर्दर्न रेलवे को मंगलवार को कटरा, उधमपुर और जम्मू रेलवे स्टेशनों से आने-जाने वाली 18 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा. इससे हजारों यात्री विभिन्न स्टेशनों पर फंस गए.

रेलवे ने ऐसी कठिन परिस्थिति में यात्रियों को राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि स्टेशनों पर यात्रियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की गई और जरूरतमंदों को ठहरने की सुविधा भी दी गई.

यात्रियों की मदद के लिए उठाए कदम
रेलवे ने स्थानीय समाज और एनजीओ के साथ मिलकर कई जगहों पर यात्रियों को सहायता दी. चक रकवाल, मनवाल, संगर, विजयपुर और गगवाल स्टेशनों पर रेलवे स्टाफ, रेलवे पुलिस और एनजीओ की मदद से यात्रियों को भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया.

स्टेशनों पर हेल्प डेस्क
जम्मू, कटरा और पठानकोट जैसे प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की मदद के लिए हेल्प डेस्क लगाए गए. नियंत्रण कक्ष और स्टेशनों पर अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को चौबीसों घंटे तैनात किया गया.

विजयपुर और बाड़ी ब्राह्मणा में फंसे यात्रियों के लिए स्थानीय परिवहन की व्यवस्था की गई. मनवाल स्टेशन पर भोजन तैयार कराने के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ा गया. संगर में फंसे यात्रियों को ट्रेन की पेंट्री से भोजन उपलब्ध कराया गया.

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लंगर और विशेष इंतजाम
कटरा स्टेशन पर रेलवे स्टाफ और स्थानीय समाज ने मिलकर लंगर का आयोजन किया. वहीं, मजदूरों और तीर्थयात्रियों को भी भोजन और चाय-नाश्ता उपलब्ध कराया गया. यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिए रेलवे ने अन्य ट्रेनों में समायोजन की सुविधा भी दी.

रेलवे की इस पहल से यात्रियों को बड़ी राहत मिली. संकट की घड़ी में रेलवे, स्थानीय समाज और एनजीओ द्वारा मिलकर की गई यह पहल यात्रियों के लिए जीवनरक्षक साबित हुई.

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