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खाप को नई परिभाषा दे रही ट्रैक्टर वाली सुमन रानी

खाप. इस शब्द को सुनते ही जेहन में महिला-पुरुष के अधिकारों को लेकर विषमता और लिंगानुपात के बिगड़ते संतुलन की तस्वीर सामने आती है. लेकिन हरियाणा के इसी 'खाप भूमि' की रहने वाली सुमन रानी समय और महिलाओं के भविष्य की अलग कहानी लिख रही है.

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ट्रैक्टर पर बैठी सुमन रानी
ट्रैक्टर पर बैठी सुमन रानी

खाप. इस शब्द को सुनते ही जेहन में महिला-पुरुष के अधिकारों को लेकर विषमता और लिंगानुपात के बिगड़ते संतुलन की तस्वीर सामने आती है. लेकिन हरियाणा के इसी 'खाप भूमि' की रहने वाली सुमन रानी समय और महिलाओं के भविष्य की अलग कहानी लिख रही है.

सुमन ने हाल ही ट्रैक्टर के लाइसेंस के लिए अर्जी दी है. 27 साल की ग्रेजुएट सुमन हिसार के हांसी की रहने वाली है और वह अपने पति अनिल कुमार और ससुराल वालों के साथ मिलकर खेतीबाड़ी का काम करना चाहती है. सुमन का कहना है कि उसने अपने पति और ससुराल वालों को खेतीबाड़ी के कामकाज में मदद करने के लिए ही लाइसेंस का आवेदन दिया है. बीते शुक्रवार को उसने विभागीय अधि‍कारियों के सामने ड्राइविंग टेस्ट भी दिया. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस तरह के बहुत कम मामले देखे हैं.

लाइसेंस मिलने के बाद सुमन अनाज मंडी और अन्य स्थानों पर ट्रैक्टर से आने-जाने की योजना रखती है. वह कहती है, 'जब मैंने अपने पति को से बात की तो उन्होंने मेरा साथ दिया.' दो बच्चों की मां सुमन घर के काम निपटाने के बाद खेत पर जाना चाहती है.

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अपने लाइसेंस को लेकर सुमन बहुत उत्साहित है. उसका कहना है कि लाइसेंस मिलने के बाद वह ट्रैक्टर लेकर अनाज मंडी जा सकेगी और गांव की अन्य महिलाओं को लेकर मंदिर भी जाएगी.

सुमन के पति अनिल के मुताबिक, 'एक बार जब इसने मेरा हाथ बंटाना शुरू किया तो मैं बाहर जाकर कमाई के अतिरिक्त साधन तलाश सका. मुझे उम्मीद है कि वह खेत की जुताई और अन्य काम भी कर सकती है. अनिल का कहना है कि उसका परिवार बहुत प्रगतिशील है. हालांकि अगर सुमन किसी काम में उनकी मदद नहीं भी करती तो भी वो उसका विरोध नहीं करते.

 

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