गुजरात की एक महिला ने अपने मृत पति के स्पर्म से मां बनने की अनुमति पाने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी. शनिवार को गुजरात हाईकोर्ट ने IVF तकनीक से मां बनने की अनुमति देते हुए कहा कि देश में फिलहाल ऐसा कोई कानून नहीं है जो पत्नी को पति के स्पर्म के जरिए मां बनने से रोके. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि इस के लिए मृत पति के माता-पिता की अनुमति होना आवश्यक है. अच्छी बात यह है कि मृतक पति के माता पिता ने पहले ही कोर्ट के सामने अपनी मंजूरी पेश कर दी थी. जिस के बाद कोर्ट ने भी उसे मां बनने की अनुमती दे दी है.
दरअसल, 20 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट में एक कोरोनाग्रस्त पति की मौत से पहले उसकी पत्नी ने गुहार लगाते हुए उसके स्पर्म लेने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद कोर्ट ने उसे अनुमति दे दी. लेकिन ऐसा करने के कुछ ही देर बाद पति की मौत हो गई. शनिवार को हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई थी कि पति की मौत के बाद महिला इससे IVF ट्रीटमेन्ट करवा पाएंगी या नहीं?
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गौरतलब है कि महिला और उसके पति कनाडा में रहते थे. पति के पिता बीमार थे. इसलिए वे दोनों उनका इलाज करवाने भारत आ गए. इसी बीच उनके पति कोरोना संक्रमित हो गए. वडोदरा में एक महीने से ज्यादा वक्त से उनाका इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने उनसे स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके पति के दोनों ही फेफड़े पूरी तरह संक्रमित हो चुके हैं. इसलिए वे ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाएंगे.
इसके बाद महिला ने डॉक्टर के सामने उसके पति के शुक्राणु जमा करने की मांग की. हालांकि पति के बेहोश होने की वजह से डॉक्टर ने उनसे कानूनी तौर पर अनुमति लेने के लिए कहा. जिसके बाद महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट की अनुमति की वजह से महिला के पति के शुक्राणु को स्टोर किया जा सका. लेकिन दूसरे ही दिन महिला के पति की मौत हो गयी.