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कोयला घोटाले में दोषी ठहराए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे की सजा को दिल्ली HC ने किया निलंबित

मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी. ये मामला 1999 में झारखंड में एक कोल ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे ने अपनी सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (फाइल फोटो)
पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीबीआई को नोटिस जारी किया
  • अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी
  • 3 साल कैद की सजा सुनाई गई थी

दिल्ली हाई कोर्ट ने झारखंड कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को सुनाई गई तीन साल कैद की सजा को निलंबित कर दिया है. हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने दिलीप रे की सजा को निलंबित करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी. ये मामला  1999 में झारखंड में एक कोल ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्य मंत्री थे.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी. साथ ही घोटाले से जुड़े अन्य दो दोषियों को भी तीन साल की सजा सुनाई गई. तीनों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. 

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सीबीआई की विशेष अदालत ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया था. कोर्ट ने सीटीएल पर 60 लाख तो सीएमएल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. 

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