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सार्वजनिक होंगे PM राहत कोष में दान देने वालों के नाम? जजों में नहीं बनी सहमति

अब दिल्ली हाइकोर्ट की चीफ जस्टिस इस मामले में सुनवाई के लिए तीसरे जज की नियुक्ति करेंगी और तीसरे जज जिसके हक में फैसला देंगे उस पर दो-एक से उनका फैसला मान्य होगा.

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दिल्ली हाईकोर्ट (File)
दिल्ली हाईकोर्ट (File)

प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने वालों के नाम उजागर करने को लेकर लगाई गई याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के दो जज एकमत नहीं हो पाए. लिहाजा जस्टिस रविंद्र भट और जस्टिस सुनील गौड़ की बेंच ने इस मामले में कोई फैसला लेने के लिए तीसरे जज की नियुक्ति के लिए केस एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल के पास ट्रांसफर कर दिया है.

अब दिल्ली हाइकोर्ट की चीफ जस्टिस इस मामले में सुनवाई के लिए तीसरे जज की नियुक्ति करेंगी और तीसरे जज जिसके हक में फैसला देंगे उस पर दो-एक से उनका फैसला मान्य होगा.

इस याचिका में सिंगल बेंच के 19 नवंबर 2015 के उस निर्णय को चुनौती दी गई है जिसमें उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त के 6 जून 2012 के फैसले को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

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सूचना आयुक्त ने अपने फैसले में आरटीआई के तहत प्रधानमंत्री कोष में दानकर्ता संगठन और व्यक्ति की डिटेल सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था.

सूचना आयुक्त में असीम टकयार ने ये याचिका दायर की थी. उन्होंने आरटीआई के तहत प्रधानमंत्री कोष में दानकर्ताओं और उससे लाभ पाने वाले लोगों की साल 2009 से लेकर 2011 तक की डिटेल मांगी थी.

दिल्ली हाईकोर्ट से आने वाले फैसले से यह तय होगा कि प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक किए जा सकते हैं या नहीं. हाईकोर्ट से आने वाला यह फैसला भविष्य में कई चीजों की जानकारी साझा करने को लेकर अहम रोल अदा करेगा.

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