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आरोग्य सेतु ऐप से वेबसाइट को हटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई कल

आरोग्य सेतु एप्प से www.aarogyasetumitr.in नाम की वेबसाइट को हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. गुरुवार को इस अहम याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई है. याचिका में कहा है कि यह प्राइवेट कंपनियों के लिए मार्केटिंग टूल की तरह काम कर रही है.

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आरोग्य सेतु ऐप पर जारी है विवाद
आरोग्य सेतु ऐप पर जारी है विवाद

  • आरोग्य सेतु ऐप पर जारी है विवाद
  • वेबसाइट को लेकर HC पहुंचा केस
दिल्ली हाईकोर्ट गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है जिसमें आरोग्य सेतु ऐप से www.aarogyasetumitr.in नाम की वेबसाइट को तुरंत हटाने की मांग की गई है. याचिका में बताया गया है कि वेबसाइट ई-फार्मेसीज के लिए मार्केटिंग टूल की तरह काम कर रही है.

याचिका में खासतौर से इस बात का विरोध किया गया है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसी प्लेटफॉर्म पर प्राइवेट कमर्शियल विज्ञापनों को प्रमोट कर रही किसी वेबसाइट को कैसे जरूर दी जा सकती है. वेबसाइट आरोग्य सेतु मित्र इन नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर से भी रजिस्टर्ड नहीं है.

भारत सरकार के किसी और उपक्रम के लिए इस वेबसाइट का इससे पहले कभी इस्तेमाल किया गया है, जिससे साफ है कि यह वेबसाइट प्राइवेट है. इस वेबसाइट के माध्यम से प्राइवेट ई-फार्मेसी के विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं. साउथ केमिस्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन की ये याचिका वकील अमित गुप्ता और मानसी कुकरेजा के माध्यम से हाईकोर्ट में लगाई गई है.

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लोगों ने किया सरकार पर भरोसा

याचिका में कहा गया है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 किस सेक्शन 10 (2)(I) के तहत गृह मंत्रालय ने आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करके इस्तेमाल करना जरूरी कर दिया. लोगों ने इसको एक सरकारी ऐप की तरह ही देखा और उसको सरकारी आदेश मानते हुए भरोसा करके उस ऐप को डाउनलोड कर लिया.

ऐप को डाउनलोड करते ही इस वेबसाइट का लिंक दे दिया जाता है. जिससे लोगों में यह भ्रम की स्थिति है यह वेबसाइट सरकारी है जबकि सच्चाई यह है कि यह थर्ड पार्टी वेबसाइट है. इस वेबसाइट पर ई-फार्मेसी के विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं. यह पूरी तरह से गैरकानूनी और भ्रामक है. इसको तुरंत रोके जाने की जरूरत है.

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विज्ञापन को लेकर उठे सवाल

याचिका में कहा गया है कि आरोग्य सेतु ऐप को लांच करने का मकसद कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए किया गया था ना कि प्राइवेट कंपनीज के विज्ञापन के लिए. याचिका में कहा गया है कि फिलहाल जिस तरह से आरोग्य सेतु ऐप कुछ प्राइवेट फार्मेसी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का जरिया बन गया है उसे रोके जाने की जरूरत है.

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सरकारी ऐप का किया जा रहा दुरुपयोग

याचिका में कहा गया है कि ये सरकारी ऐप पूरी तरह से दुरुपयोग है और ऑनलाइन ई-फार्मेसी द्वारा दवाई बेचा जाना खुद दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना है. इसके अलावा ई-फार्मेसी कंपनियों द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इस तरह से दवाइयां बेचना भारत के संविधान के आर्टिकल 14, 19 और 21 का उल्लंघन है.

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