सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि उनका बच्चा स्कूल गया है कि नहीं. माता-पिता हर दिन इस बात की फिक्र करते रहते हैं घर से स्कूल के लिए निकला बच्चा क्लास रूम में है या नहीं, पढ़ रहा है या नहीं.
दिल्ली बनेगा पहला राज्य
ऐसे अभिभावकों को दिल्ली की सत्ताधारी केजरीवाल सरकार अब एक बड़ा हथियार देने जा रही है. दिल्ली सरकार अपने तमाम सरकारी स्कूलों के हर क्लास रूम में CCTV कैमरा लगवाने का काम शुरु कर चुकी है. इस प्रोजेक्ट की सबसे दिलचस्प बात यह है कि केजरीवाल सरकार इन सीसीटीवी कैमरों का सीधा प्रसारण अभिभावकों को उनके मोबाइल फोन पर मुहैया करवाएगी. इस तरह की तकनीक व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करने वाला दिल्ली पहला राज्य होगा.
इसके बाद अभिभावक अपने मोबाइल फोन पर जब चाहे तब देख सकेंगे कि उनका बच्चा क्लास रूम में मौजूद है या नहीं, मौजूद है भी तो क्या वह अपनी क्लास में पढ़ रहा है या नहीं. स्कूल के दौरान अभिभावकों को यह पता चलता रहेगा कि उनका बच्चा स्कूल में क्या कर रहा है.
घर बैठें देख पाएंगे लाइव
सरकार हर स्कूल के क्लासरूम में 3 सीसीटीवी कैमरे लगवा रही है. दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले हर स्कूल के क्लास में लगे सीसीटीवी कैमरे का नियंत्रण दिल्ली सरकार के आईटी और शिक्षा विभाग के पास होगा. सरकार एक मोबाइल एप के जरिए हर अभिभावक को उनके बच्चों की क्लास और रोल नंबर के आधार पर एक विशेष एक्सेस मुहैया कराएगी. अभिभावक इस मोबाइल एप के जरिए सिर्फ अपने बच्चे की क्लास का सीसीटीवी फुटेज लाइव देख पाएंगे.
दिल्ली सरकार का कहना है कि से अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा की फिक्र कम हो जाएगी साथ ही उन्हें पता चलेगा कि उनका बच्चा स्कूल में नियमित रुप से आ रहा है या नहीं. बुधवार को केजरीवाल सरकार ने स्कूलों में सीसीटीवी लगाने वाले प्रोजेक्ट की समीक्षा की.
समीक्षा बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी है कि सरकार जल्दी ही हर अभिभावक को उनके बच्चों की क्लास रूम का सीसीटीवी फुटेज उनके मोबाइल फोन पर लाइव मुहैया कराएगी.
Reviewed the progress of installation of CCTV cameras in each class in all govt schools. Each parent will be given access to see his child studying in class on realtime basis on his phone. This will make the whole system transparent and accountable. It will ensure safety of kids
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 17, 2018
मुख्यमंत्री का कहना है कि इस प्रक्रिया को अपनाने से ना सिर्फ तंत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी बल्कि से बच्चों की सुरक्षा भी तय की जा सकेगी. देश के किसी भी राज्य में इस तरह की व्यवस्था अभी तक नहीं है. अगर केजरीवाल सरकार अपने इस प्रोजेक्ट में कामयाब होती है तो दिल्ली शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल से सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.