ड्रग पॉलिसी के विरोध में शुक्रवार को देशभर में दवा की दुकानें बंद हैं, लेकिन एम्स के पास सभी दुकानें खुली हुई हैं. वहीं जंतर-मंतर पर दवा विक्रता अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
एफडीए नॉर्म्स के खिलाफ दवा दुकानदारों की आज सांकेतिक हड़ताल है. ऑल इंडिया आर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट व ड्रगिस्ट के मुताबिक मुताबिक दवा की दुकानों के लिए सरकार फार्मासिस्टों की अनिवार्यता कर रही है, लेकिन उतने फार्मासिस्ट ही उनके पास नहीं है जो सभी को मिल सकें.
सरकार ने उनकी दवाओं में कमीशन कम कर दिया, जिससे उनका लाभ भी कम हो गया. कुछ दवाओं के मामले में दो कापी में दवाएं लिखने और मेडिकल स्टोर को तीन साल तक उस पर्चे को संभालकर रखने की बाध्यता है. इन सभी व्यापार विरोधी गतिविधियों पर विरोध जताने के लिए एसोसिएशन ने पूरे देश में 10 मई को दवा दुकानों की बंदी की घोषणा की है. उधर, सफदरजंग में रेजीडेंट हॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को गुरुवार को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.