छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 13 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 32 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'हमारे प्रदेश में एसटी, एससी और ओबीसी अपनी मांगें काफी शांतिपूर्ण तरीके से उठाते रहे हैं. इस दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए आरक्षण का ऐलान किया जा रहा है.'
भूपेश बघेल की इस घोषणा से मुख्य रूप से ओबीसी को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि पूर्व में उनका कोटा 14 फीसदी था जो अब बढ़कर 27 फीसदी हो जाएगा. एससी, एसटी और ओबीसी के इस आरक्षण के बाद प्रदेश में आरक्षण का कोटा 70 फीसदी से पार कर अब 72 फीसदी पर पहुंच जाएगा.
आरक्षण के अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक नए जिले का भी ऐलान किया. गौरेला-पेंड्रा-मारवाही को नया जिला बनाया जाएगा. इस हिसाब से छत्तीसगढ़ में कुल जिलों की संख्या 28 हो जाएगी. इसे बिलासपुर से काट कर नए जिले का रूप दिया जाएगा.
आरक्षण का ऐलान करने के बाद भूपेश बघेल ने कहा, 'यह सरकार का कर्तव्य था कि वह एससी, एसटी और ओबीसी के सांविधानिक अधिकारों की रक्षा करे. इस दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए मैं ओबीसी के लिए 27 फीसदी, एससी के लिए 13 फीसदी और एसटी के लिए 32 फीसदी आरक्षण का ऐलान करता हूं.'
पूर्व में ओबीसी और एससी के लिए क्रमशः 14 और 12 फीसदी कोटा निर्धारित था, हालांकि एसटी को 32 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलता था. इसी के साथ मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि प्रदेश में 25 नए तहसील बनाए जाएंगे. गौशालाओं के लिए भी आर्थिक मदद की घोषणा की गई है.