बिहार सरकार के आदेश के बाद प्रदेश में अधिकतर पैथोलॉजी लैब अब काम करना शुरू कर चुकी हैं. लॉकडाउन की वजह से पिछले कई दिनों से पूरे राज्य में निजी क्लीनिक समेत पैथोलॉजी लैब्स भी बंद कर दी गई थी.
हालांकि, आम लोगों को कुछ राहत प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब को खोलने का आदेश दिया था. राज्य सरकार के आदेश का पालन करते हुए काफी सारी पैथोलॉजी लैब अब खुल चुकी हैं, मगर पूरी तरीके से कार्यरत नहीं हैं.
अधिकतर पैथोलॉजी लैब पर सन्नाटा
पटना से सटे भोजपुर जिले की बात करें तो वहां पर भी अधिकतर पैथोलॉजी लैब खुली हैं, मगर कोविड-19 के डर से काफी कम संख्या में मरीज वहां पहुंच रहे हैं. भोजपुर के एक पैथोलॉजी लैब के मालिक का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से लैब में काम करने वाले जो भी स्टाफ अपने-अपने घर गए थे वह वापस नहीं आ पाए हैं. इसकी वजह से पैथोलॉजी लैब पूरी तरीके से कार्यरत नहीं है और अधिकतर लैब्स पर सन्नाटा पसरा है.
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दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर की बात करें तो यहां अधिकतर पैथोलॉजी लैब खुली हुई हैं और वहां पर मरीज भी पहुंच रहे हैं. अच्छी बात यह है कि पैथोलॉजी लैब में जो भी मरीज पहुंच रहे हैं उन्हें सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है. सभी मरीजों को एक-दूसरे से दूर रखा जा रहा है और जो भी मरीज लैब पहुंच रहे हैं उनके हाथ को सैनिटाइज करके ही उन्हें एंट्री दी जा रही है.
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वैशाली जिले की बात करें तो जिला मुख्यालय हाजीपुर में अभी भी बहुत सी पैथोलॉजी लैब बंद पड़ी हैं. जानकारी लेने पर पता चला कि कुछ बड़ी पैथोलॉजी लैब ही हाजीपुर में खुली हैं, मगर वहां भी मरीजों की संख्या में 60 से 70 फीसदी की गिरावट है.
हाजीपुर के पैथोलॉजी लैब के मालिक ने बताया कि मरीजों की संख्या में गिरावट की सबसे बड़ी वजह कोविड-19 का डर है. वहीं दूसरी तरफ हाजीपुर में बहुत सारे निजी क्लीनिक अभी बंद पड़े हैं, इसकी वजह से भी लैब में कम लोग पहुंच रहे हैं.
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