हैदराबाद की भगवती बलदेवा देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ी मिसाल हैं. उनकी समाजसेवा से प्रेरित हो कर लोग अब उन्हें दीदी के नाम से पुकारते हैं. समाजसेवा के साथ-साथ अब वह राजनीति में भी सक्रिय हैं और बड़े मुकाम पर पहुंच चुकी हैं. मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली भगवती बलदेवा ने 1980 में ग्रेजुएशन की. 80 के उस दौर में पढ़ाई करने के लिए भगवती बलदेवा 80 किलोमीटर तक का सफर तय करती थी. पढ़ाई करने के बाद उनकी शादी हो गयी और वो हैदराबाद चली गईं. 1990 में भगवती ने अपने पति के साथ मिल कर केमिकल बिजनेस शुरू किया. अपने प्रशासनिक और प्रबंधकीय कौशल के बल पर उन्होनें अपने पति की कड़ी मेहनत और नैतिकता के साथ कंधे से कन्धा मिलाया, जिसके बाद उन्होंने कई व्यवसायों और कार्यक्षेत्रों में विस्तार किया. अपने सभी व्यावसायिक प्रयासों के बीच उनके आयुर्वेद व्यवसाय ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों को सबसे ज्यादा टैक्स दिया, जिस कारण 2019 में आयकर विभाग द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया.
श्रीमती बलदेवा ने हमेशा कमजोर वर्गों की शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान के लिए काम किया जो उनकी समाजसेवा की एक बेहतरीन मिसाल है. महेश भगवती बलदेवा फाउंडेशन और विभिन्न ट्रस्टों के माध्यम से उन्होंने स्कूलों, कॉलेजों, गौशालाओं, मंदिरों और अस्पतालों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही वह शैक्षिक क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से सहायता प्रदान करती आ रही हैं.
महेश फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में भगवती बलदेवा का सबसे प्रभावी अभियान परिवार सुरक्षा योजना है, जिसके माध्यम से मृतक के परिवार को तत्काल वित्तीय राहत उपलब्ध कराई जाती है. वह भारत सरकार की एक नवरत्न कंपनी NMDC में दो कार्यकालों के लिए एक स्वतंत्र निदेशक और विभिन्न सरकारी समितियों की सदस्य भी रही हैं. साथ ही बलदेवा सेवा भारती और वनवासी कल्याण परिषद से भी सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं.
बिना किसी पूर्व विचार के उनकी समाज सेवा के जुनून ने उन्हें सन 2000 में राजनीति के क्षेत्र में ला दिया. समाज सेवा में उनके प्रयासों को पहचान मिली और भगवती साल 2000 में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के रूप में भाजपा में शामिल हो गईं.भगवती महेश बलदेवा भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा उद्यमी प्रकोष्ठ की अखिल भारतीय सह संयोजक और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हैं. उन्होंने पार्टी के भीतर अन्य पदों पर भी काम किया है, जैसे कि महिला मोर्चा राजस्थान की प्रभारी, और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बेहद विनम्रता के साथ नेतृत्व किया.