दिल्ली-एनसीआर में H3N2 फ्लू बहुत तेजी से फैल रहा है. ज्यादातर लोग बुखार, खांसी और सर्दी जैसी शिकायतें कर रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि इस फ्लू को गलती से भी नॉर्मल फ्लू समझने की कोशिश ना करें. उन्होंने चेतावनी दी है कि ये फ्लू नॉर्मल फ्लू से ज्यादा गंभीर हो सकता है. रेडक्लिफ लैब्स की चीफ पैथोलॉजिस्ट, डॉ. मयंका लोढ़ा सेठ के अनुसार, अगर खांसी या सर्दी 2 दिन (48 घंटे) से ज्यादा रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये वायरस क्या है? ये किस तरह से फैलता है? इसके लक्षण क्या हैं? और इससे जुड़ी सावधानियां क्या हैं? चलिए जानते हैं.
H3N2 एक तरह का फ्लू वायरस है, जो सांस की बीमारियां पैदा करता है. ये नॉर्मल सर्दी-जुकाम से अलग है, क्योंकि यह ज्यादा समय तक रह सकता है और गंभीर हो सकता है. मौसम बदलते समय, जब आपकी इम्यूनिटी कम होती है, तब ये बहुत तेजी से और जल्दी फैलता है.
H3N2 वायरस मुख्य रूप से उस समय फैलता है जब कोई इंफेक्टेड मरीज खांसता या छींकता है और उससे छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं.
कॉन्टैक्ट में आना: अगर आप वायरस से इंफेक्टेड किसी जगह को छूते हैं और फिर अपना चेहरा छूते हैं, तो वायरस आपके शरीर में एंट्री कर सकता है.
भीड़ में रहना: अगर आप भीड़-भाड़ वाली किसी जगह में रहते हैं तो आपका संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
एयर-कंडीशन वाले कमरे: किसी इंफेक्टेड व्यक्ति के साथ एयर-कंडीशन (एसी) वाले कमरे में रहने से भी वायरस फैल सकता है.
एक सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 69% घरों में अब कम से कम एक व्यक्ति में फ्लू या वायरल बुखार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं.
अगर आपको नीचे दिए लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए:
बता दें, ग्लेनीगल्स अस्पताल, मुंबई की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मंजूषा अग्रवाल के अनुसार, H3N2 कभी-कभी निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या दिल और लंग्स की समस्याओं को बढ़ा सकता है.
H3N2 किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में ये गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है. इनमें छोटे बच्चे (5 साल से कम), बुजुर्ग लोग और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. इसके साथ जिन लोगों को पहले से अस्थमा, डायबिटीज या दिल संबंधी जैसी बीमारियां हैं उन्हें भी इससे इंफेक्ट होने का खतरा रहता है. ऐसे लोग को अपनी हेल्थ का खास ध्यान रखना चाहिए.
डॉक्टर्स के अनुसार H3N2 की पुष्टि करने के लिए आपको कुछ टेस्ट कराने चाहिए. इनमें नाक या गले से स्वाब लेकर RT-PCR टेस्ट और H3N2 के लिए एंटीबॉडी टेस्ट शामिल हैं. जब बात इलाज की आती है तो इससे राहत पाने के लिए आपको आराम करने की जरूरत होती है. इसके साथ ही खूब पानी भी जरूरी है. बुखार होने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा में पैरासिटामोल लें.
जिन लोगों को खतरा ज्यादा है उनके लिए 48 घंटे के अंदर एंटीवायरल दवाएं शुरू की जा सकती हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि जब तक डॉक्टर न बताएं, तब तक एंटीबायोटिक दवाएं न लें. ज्यादातर लोग 5-7 दिनों में ठीक हो जाते हैं. बुखार आमतौर पर 3 दिन में उतर जाता है, लेकिन खांसी हफ्तों तक रह सकती है.