केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल में पहली बार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट (आईवीएफ) तकनीक से स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ. अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के डॉक्टरों ने आपातकालीन सर्जरी कर 36 साल की महिला का प्रसव कराया. अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. डॉक्टर और नर्सें उनकी देखरेख कर रही हैं. यह महिला शादी के कई साल बीत जाने के बावजूद संतान सुख से वंचित थी. इसलिए डॉक्टरों ने आईवीएफ का सहारा लिया.
इमरजेंसी सिजेरियन से प्रसव
वहीं, बच्चे के जन्म से अस्पताल के डाक्टर और कर्मचारी भी बेहद खुश हैं. केंद्र सरकार के अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में आईवीएफ सुविधा का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के तहत पहली बार बच्चे का जन्म हुआ है.
IVF सुविधा शुरू करने की लंबे समय से चल रही थी तैयारी
अस्पताल के इस आईवीएफ सेंटर में सोमवार से शनिवार तक मरीज जा सकते हैं. अस्पताल में IVF फैसिलिटी प्रॉजेक्ट का काम साल 2015 में शुरू किया गया था और उसी दौरान मौजूदा प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में आईवीएफ केंद्र भी बनाया गया था. इसके बाद इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स का काम साल 2019 तक पूरा हो सका. लेकिन उस समय कोरोना महामारी की वजह से इसे शुरू करने में देर लग गई. इस परियोजना की अवधारणा का श्रेय विभाग के कई पूर्व वरिष्ठ सदस्यों, डॉ बीडी अथानी (पूर्व डीजी) और डॉ एसवी आर्य (पूर्व एमएस), प्रोफेसर डॉ बनश्री दास और प्रोफेसर डॉ प्रतिमा मित्तल को जाता है.
इन प्रयासों को आईवीएफ यूनिट की वर्तमान प्रमुख प्रोफेसर डॉ बिंदु बजाज ने आगे बढ़ाया. उन्हें सफदरजंग अस्पताल में आईवीएफ केंद्र को सफलतापूर्वक स्थापित करने का भी श्रेय जाता है. अस्पताल में आईवीएफ विभाग से जुड़ी टीम में डॉ गरिमा कपूर, डॉ दिव्या पांडे, डॉ रीता, डॉ बीएल शेरवाल (एमएस, एसजेएच), डॉ गीतिका खन्ना (प्रिंसिपल, वीएमएमसी), डॉ जयंती मणि, (एडिशनल एमएस) और डॉ. अंजलि डबराल (एचओडी) भी शामिल हैं.