शरीर में फैट अधिक होने से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है और वहीं शरीर में कम फैट की मात्रा कुपोषण से संबंधित हो सकती है. फैट हमारे शरीर के लिए सही मात्रा में होना जरूरी है क्योंकि ये शरीर में विटामिन और मिनरल्स को आपके शरीर में पहुंचाने में मदद करता है. यह आपके शरीर के लिए एनर्जी का सोर्स भी है और साथ ही साथ शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है.
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) एक मेडिकल स्क्रीनिंग टूल है जो आपके शरीर में फैट की मात्रा का अनुमान लगा सकता है लेकिन कुछ मामलों में इसकी सटीकता कम रहती है. ज़्यादातर लोगों में, बीएमआई शरीर की चर्बी से जुड़ा होता है. इसका आंकड़ा जितनी अधिक होगा, शरीर में फैट उतना ही अधिक हो सकता है. इसलिए अक्सर एक्सपर्ट इस टूल का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की सेहत और उसके जोखिमों का आकलन करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. अब ये बीएमआई क्या है जिससे आप अपने वजन और ऊंचाई का इस्तेमाल करके अपनी शारीरिक स्थिति का अनुमान लगा सकते हैं, इस बारे में जानेंगे.
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ऊंचाई और वजन के आधार पर शरीर में मौजूद फैट का एक माप है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों पर लागू होता है. लेकिन ध्यान रखें इसमें आपके मसल्स, हड्डियों का घनत्व, फिजिकल एक्टिविटी, जेंडर, उम्र, मसल्स कंपोजिशन जैसे फैक्टर्स शामिल नहीं होते इसलिए कई एक्सपर्ट इसे पूरी तरह हेल्थ रिपोर्ट साबित करने वाला सटीक पैमाना नहीं मानते.
किसी का बीएमआई निकालने के लिए उसके वजन (किग्रा) में उसकी ऊंचाई x 2 से भाग दें. अधिकतर लोग ऊंचाई को सेंटीमीटर में नापते हैं तो उसे मीटर में निकालने के लिए सेमी ऊंचाई को 100 से भाग दें. यदि आपकी हाई इंच में है तो उसे सेमी में निकालने के लिए इंच लंबाई में 2.54 से भाग दें
उदाहरण:
वजन: 80 किलो
ऊंचाई: 5 फिट 5 इंच यानी 1.65 मीटर
बीएमआई: 80/(1.65 x 1.65) = 29.38
आपके बीएमआई की जो रेंज आई है, उसे नीचे दिए हुए चार्ट से मिलाएं और देखें कि आप किस रेंज में आते हैं.
| बीएमआई | वर्गीकरण |
| 18.5 से कम | कम वजन |
| 18.5 से 24.9 | स्वस्थ्य वजन |
| 25.0 से 29.9 | अधिक वजन |
| 30.0 और उससे अधिक | मोटापा |
बीएमआई कुछ स्वास्थ्य जोखिमों का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक उपयोगी स्क्रीनिंग टूल हो सकता है लेकिन इस पर पूरी तरह से विश्वास करना भी सही नहीं होगा. भारत में सामान्य बीएमआई रेंज आमतौर पर 18.5 से 24.9 मानी जाती है लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय लोगों में डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का जोखिम ग्लोबल बीएमआई रेंज से पहले ही बढ़ जाता है इसलिए भारत में ओवरवेट की कैटेगरी 25 की जगह 23 होनी चाहिए.