हत्या और आतंकवाद के आरोप में लाहौर पुलिस ने 9 फरवरी को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान समेत 400 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
ये FIR पार्टी की रैली के दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं के टकराव में एक व्यक्ति की मौत और कई अन्य के जख्मी होने के सिलसिले में दर्ज की गई है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (PML-N) नीत गठबंधन की सरकार ने अपने 11 महीने के कार्यकाल में इमरान के खिलाफ ये 80वां मामला दर्ज कराया है.
इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि लाहौर पुलिस, PTI के कार्यकर्ताओं को अमानवीय तरीके से टॉर्चर कर रही है.
इस तस्वीर में कुछ लोग पेट के बल लेटे हुए नजर आ रहे हैं. इनके हाथ पीछे की ओर हैं. इनके चारों ओर आधुनिक हथियार के साथ पुलिस के जवान खड़े हैं.
एक ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा जिसका हिंदी ट्रांसलेशन कुछ इस तरह है, “न तो ये कश्मीर है और न ही फिलिस्तीन. ये पाकिस्तान का लाहौर शहर है और ये लोग PTI के कार्यकर्ता हैं. बाकी आप खुद समझदार हैं. क्या अपने ही देश में अपने अधिकार मांगना, इमरान खान के साथ चलना कोई अपराध है?”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल तस्वीर न तो लाहौर की है और न ही इसमें दिख रहे लोग इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ता हैं. इन लोगों को रावलपिंडी पुलिस ने साल 2022 में अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल तस्वीर को जब हमने रिवर्स सर्च के जरिए खोजा तो ये हमें ट्विटर पर मिली. 23 जून 2022 को पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी की पुलिस ने इसके साथ कुछ और तस्वीरों को ट्वीट किया था. उस ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, रावलपिंडी पुलिस ने भू माफिया के गुंडो पर कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था.

इस ट्वीट में जो तस्वीरें शेयर की गई हैं उनमें से एक तस्वीर वही है जिसे अब लाहौर पुलिस की गिरफ्त में आए PTI के कार्यकर्ता बताया जा रहा है.

खोजने पर हमें ‘उर्दू पॉइंट’ की वेबसाइट पर 24 जून, 2022 की एक रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी पुलिस के एसपी सदर की अगुआई में एक अभियान के तहत गैर-कानूनी कामों में लिप्त बदमाशों के खिलाफ दबिश दी गई थी. इस दबिश में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस के हाथ कई अवैध हथियार भी लगे थे.
जाहिर है, करीब साल भर पहले रावलपिंडी पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों की तस्वीर को लाहौर में इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ता बताकर वायरल किया जा रहा है.